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उत्तर दिशा की ओर सिर रखकर क्यों नहीं सोना चाहिए, जानिए

 

आपने अक्सर ही बड़े बुजुगों से सुना होगा कि उत्तर दिशा की ओर सिर रखकर नहीं सोना चाहिए। मगर ऐसा बहुत कम ही लोग जानते होंगे की ऐसा क्यों कहा जाता हैं इसके पीछे क्या कारण हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि उत्तर दिशा की ओर सिर रखकर क्यों नहीं सोना चाहिए इसके पीछे क्या कारण हैं तो आइए जानते हैं।

बता दें कि मानव दिल शरीर के निचले भाग में नहीं हैं वह शरीर के तीन चौथाई ऊपर की और मौजूद हैं। जो रक्त शिराएं ऊपर की ओर जाती हैं, वे नीचे की ओर जाने वाली धमनियों के मुकाबले बहुत संवेदनशील और सूक्ष्म हैं, मस्तिष्क की ओर जाते वक्त ये इतनी पतली हो जाती हैं कि एक कण भी फालतू नहीं ले सकती हैं। एक बूंद फालतू गई तो हैमरेज हो सकता हैं। जब शरीर क्षैतिज अवस्था में होता हैं, तो नाड़ी की गति धीमी हो जाती हैं। वही अगर रक्त उसी स्तर पर पंप किया जाएगा, तो सिर में जरूरत से अधिक रक्त जा सकता हैं और नुकसान हो सकता हैं अगर सिर उत्तर की ओर रखते हैं और पांच छह घंटे तक उसी दिशा में रहता हैं तो चुंबकीय खिंचाग से मानव दिमाग पर दबाव डालता हैं। इसलिए कहा जाता हैं कि उत्तर दिशा में सिर रखकर नहीं सोना चाहिए।

वही पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्रों के बारे में हर कोई जाना हैं पृथ्वी पर चुंबकीय शक्तियां प्रभाव हैं अगर उत्तर की ओर सिर करते और पूरी नींद भरउसी तरह रहते हैं तो चुंबकीय खिंचाव दिमाग पर दबाव डालेगा। वही अगर शरीर मजबूत हैं और ये चीजें आपके साथ नहीं होती हैं तो आप उत्तेजित या परेशान होकर जाग सकते हैं। क्योंकि सोते वक्त दिमाग में जितना रक्त संचार होना चाहिए। उससे अधिक होता हैं।

आपने अक्सर ही बड़े बुजुगों से सुना होगा कि उत्तर दिशा की ओर सिर रखकर नहीं सोना चाहिए। मगर ऐसा बहुत कम ही लोग जानते होंगे की ऐसा क्यों कहा जाता हैं इसके पीछे क्या कारण हैं, बता दें कि उत्तर दिशा को शास्त्रों में शुभ दिशा नहीं माना जाता हैं इस दिशा में सिर करके सोने से व्यक्ति के जीवन में परेशानियां आती हैं। उत्तर दिशा की ओर सिर रखकर क्यों नहीं सोना चाहिए, जानिए