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मनचाही सफलता पाने के लिए इस प्रकार बनवाइए अपने स्टडी रूम को

 

जिस तरह हर स्कूल, कॉलेज में पढाई करने के तिए पुस्तकालय यानि कि लाइब्रेरी होती है, ठीक उसी प्रकार घर में भी पढने का एक अलग से कमरा(स्टडी रूम) होना चाहिए। हम सभी को अपना स्टडी रूम यानी कि अध्ययन कक्ष बहुत प्यारा होता है। हम उसे रोज सजाते भी हैं लेकिन कई बार हमें नहीं पता होता है कि वह रूम किस वास्तु दोष से ग्रस्त है।तो आइए पढ़ते हैं कुछ अहम जानकारियां….

  1. स्टडी रूम को यदि घर के पश्चिम-मध्य क्षेत्र में बनाते हैं तो यह बहुत लाभप्रद होता है। क्योंकि इस दिशा में बुध, गुरु, चंद्र एवं शुक्र चार ग्रहों से उत्तम प्रभाव प्राप्त होता है। इस दिशा के कक्ष में अध्ययन करने से विद्यार्थियों को बुध ग्रह से बुद्धि वृद्धि, गुरु ग्रह में महत्वाकांक्षा एवं जिज्ञासु विचारों में वृद्धि, चंद्र ग्रह से नवीन विचारों की वृद्धि और शुक्र ग्रह से प्रतिभा वक्तृत्व एवं लेखन कला में निपुणता और धन वृद्धि होती है।स्टडी रूम में विद्यार्थी की टेबल पूर्व-उत्तर ईशान या पश्चिम में रहना चाहिए।अध्ययन कक्ष में खिड़की या रोशनदान पूर्व-उत्तर या पश्चिम में होना श्रेष्ठ माना गया है।
  2. अध्ययन कक्ष में शौचालय भूलकर भी नहीं बनाएं।
  3. अध्ययन कक्ष का रंग सफेद, बादामी, फीका, आसमानी या हल्का फिरोजी रंग दीवारों पर और टेबल-फर्नीचर पर उत्तम है। काला, लाल, गहरा नीला जैसा गहरा रंग कमरे में नहीं होना चाहिए। अध्ययन कक्ष भवन के पश्चिम-मध्य क्षेत्र में बनाना अतिलाभप्रद है।
  4. अध्ययन कक्ष का प्रवेश द्वार पूर्व उत्तर- मध्य या पश्चिम में रहना चाहिए।
  5. अध्ययन कक्ष में अभ्यास पुस्तकें रखने की रेक एवं टेबल उत्तर दिशा की दीवार से लगी होना चाहिए।
  6. अध्ययन कक्ष में पेयजल, मंदिर, घड़ी उत्तर या पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
  7. अध्ययन कक्ष में टीवी, मैगजीन, अश्लील साहित्य व सीडी प्लेयर एवं वीडियो गेम, रद्दी अखबार, अनुपयोगी सामान एवं भारी वस्तुएं न रखें।
  8. अध्ययन कक्ष में आदर्शवादी चित्र, सरस्वती माता एवं गुरुजनों के चित्र लगाना चाहिए।