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वास्तुटिप्स: घर की महिलाओं की सेहत पर असर डालती है दक्षिण की दिशा, इस तरह दूर करें वास्तुदोष

 

आपको बता दें,कि हिंदू धर्म के मुताबिक वास्तु शास्त्र में दक्षिण की दिशा को बहुत ही अशुभ माना जाता हैं वही यह भी कहा जाता हैं,कि इस दिशा में पैर करके सोने, मुख्य द्वार बनवाने या फिर घर का कोई कार्य करना शुभ नहीं माना जाता हैं वही वास्तु विज्ञान के मुताबिक इस दिशा का स्वामी यमराज को माना जाता हैं यही वजह हैं। वास्तु में इसे संकट का द्वार कहा जाता हैं। वही आज हम आपको दक्षिण दिशा से जुड़े कुछ विशेष वास्तु टिप्स के बारे में बातने जा रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप अपने जीवन में सुख शांति और समृद्धि को बनाए रख सकते हैं,तो आइए जानते हैं कि वो कौन से वास्तु टिप्स हैं। आपको बता दें,कि दक्षिण की दिशा में यम का निवास होता हैं इसलिए घर बनवाते वक्त इस स्थान का कुछ भाग छोड़ देना उचित माना जाता हैं वही साथ ही साथ इस दिशा से घर की दीवार भी ऊंची होनी चाहिए। वही अगर आपका घर दक्षिणमुखी यानी मेन गेट इस दिशा में हैं,तो उकसा कुछ भाग थोड़ा ऊंचा रखना चाहिए। इससे परिवार के सदस्यों में प्यार हमेशा ही बढ़ता रहता हैं और घर में सुख शांति बनी रहती हैं। वही अगर दक्षिणमुखी घर के सभी कमरो के दरवाजे भी इसी दिशा में होने चाहिए। इससे घर में संपन्नता बनी रहती हैं।

वही दक्षिणमुखी भवन में खाली जगह बरामदे, घर के सभी कमरे आदि का भाग नीचा होने से घर में रनहे वाली महिलाएं हमेशा ही बीमार रहती हैं। वही अगर इस दिशा में कुआं या फिर फाउंटेन हो तो घर में धन हानि हो सकती हैं ऐसे में इस दिशा में कुआं या फाउंटेन ना बनवाए।