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मंगलसूत्र धारण करने के सही नियम, जानिए

 

हिंदू धर्म में मंगलसूत्र को वैवाहिक जीवन का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता हैं। यह एक काली मोतियों की माला होती हैं। जिसे महिलाएं अपने गले में धारण करती हैं। वही इसके अंदर बहुत सारी चीजें जुड़ी होती हैं और हर चीज का संबंध शुभता से माना जाता हैं। ऐसा कहा जाता हैं कि मंगलसूत्र धारण करने से पति की रक्षा होती हैं। वही पति के जीवन के सभी कष्ट भी दूर हो जाते हैं। वही इसे महिलाओं के लिए भी रक्षा कवच और सम्पन्नता का कार्य करता हैं।

जानिए मंगलसूत्र के अंदर क्या क्या चीजें होती हैं—
बता दें कि मंगलसूत्र में पीला धागा होता हैं इसी पीले धागे में काली मोतियां पिरोई जाती हैं। साथ एक सोने या पीतल का लॉकेट भी लगा हुआ होता हैं। यह लॉकेट गोल या चौकोर, दोनो हो सकता हैं। वही मंगलसूत्र में सोना या पीतल भले ही न लगा हो मगर पीले धागे में काली मोतियां जरूरी हो होती हैं। बता दें मंगलसूत्र का पीला धागा और सोना या पीतल बृहस्पति का प्रतीक माना जाता हैं। जिससे महिलाओं का बृहस्पति मजबूत बना रहता हैं। काले मोतियों से महिलाएं और उनका सौभाग्य बुरी नजर से बचे रहते हैं। यह भी मानते हैं कि मंगलसूत्र का पीला हिस्सा माता पार्वती है और काला हिस्सा शिव हैं। शिव जी की कृपा से महिला और उसके पति की रक्षा होती हैं। जानिए मंगलसूत्र धारण करने के नियम और सावधानियां—
मंगलसूत्र या तो स्वयं खरीदें या अपने पति से लें। किसी अन्य से मंगलसूत्र लेना सही नहीं माना जाता हैं। मंगलसूत्र मंगलवार को न खरीदें। धारण करने के पूर्व इसे माता पार्वती को अर्पित करें। जब तक बहुत ज्यादा जरूरी न हो मंगलसूत्र को न उतारें। मंगलसूत्र में लगा हुआ सोना अगर चौकोर है तो बहुत ही उत्तर होगा।

हिंदू धर्म में मंगलसूत्र को वैवाहिक जीवन का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता हैं। यह एक काली मोतियों की माला होती हैं। जिसे महिलाएं अपने गले में धारण करती हैं। इसके अंदर बहुत सारी चीजें जुड़ी होती हैं और हर चीज का संबंध शुभता से माना जाता हैं। ऐसा कहा जाता हैं कि मंगलसूत्र धारण करने से पति की रक्षा होती हैं। वही पति के जीवन के सभी कष्ट भी दूर हो जाते हैं। मंगलसूत्र धारण करने के सही नियम, जानिए