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कलह क्लेश को दूर करते हैं ये अचूक उपाय

 

हर व्यक्ति चाहता हैं कि उसका जीवन सुख शांति और समृद्धि से भरा हो, घर में तनाव होने से मन अशांत बना रहता हैं। ऐसे में व्यक्ति किसी भी कार्य को सही तरीके से नहीं कर पाता हैं। गृह क्लेश कई तरह के होते हैं। जैसे धन संपत्ति को लेकर ​वाद विवाद , सास बहु के झगड़े,पति पत्नी के बीच तकरार, भाई बहनह के बीच दरार आदि। वास्तव में घरेलू तनाव से घर का माहौल भी बिगड़ जाता हैं। परिजनों के बीच मतभेद होने के साथ साथ मनभेद भी हो जाता हैं, ऐसे घर में भी सुख शांति नहीं होती हैं और न ही घर तरक्की करता हैं इसलिए घर के क्लेश का निवारण जरूरी हैं तो आज हम आपको गृह क्लेश को दूर करने के कुछ सरल उपाय बता रहे हैं।

वही ज्योतिषशास्त्र कहता हैं कि जन्म कुंडली में दूसरा भाव परिवार का भाव माना जाता हैं वही चौथा भाव सुख शांति को दर्शाता हैं जबकि सातवां भाव पति पत्नी के रिश्ते से जुड़ा माना जाता हैं अगर कुंडली में ये भाव कमजोर हो अथवा इनके स्वामी ग्रह पीड़ित हो या इन भावों पर मंगल, शनि, राहु, केतु जैसे क्रूर ग्रह स्थि​त हो जाएं तो परिवार में क्लेश पैदा होने लगता हैं।वास्तुशास्त्र के मुताबिक घर की दक्षिण ​पूर्वी दिशा को आग्नेय कोण कहते हैं, यह स्थान अग्नि देव का स्थन हैं इसलिए यहां घर की रसोई होनी चाहिए। लेकिन अगर यहां बेडरूम हैं तो पति पत्नी के बी झगड़े होंगे। अग्नि तत्व में विघटन आ जाने से परिवार में बहस, झगड़े आदि का माहौल बन जाता हैं जिससे रिश्ते टूट भी सकते हैं। वही कुंडली के दूसरे भाव और इस भाव के स्वामी को बलवान करें। वही अगर घर में सुख शांति नहीं हैं तो चौथे भाव और चौथे भाव के स्वामी को शक्तिशाली बनाएं।

ज्योतिषशास्त्र कहता हैं कि जन्म कुंडली में दूसरा भाव परिवार का भाव माना जाता हैं चौथा भाव सुख शांति को दर्शाता हैं जबकि सातवां भाव पति पत्नी के रिश्ते से जुड़ा माना जाता हैं अगर कुंडली में ये भाव कमजोर हो तो परिवार में क्लेश पैदा होने लगता हैं। घर में सुख शांति नहीं हैं तो चौथे भाव और चौथे भाव के स्वामी को शक्तिशाली बनाएं। कलह क्लेश को दूर करते हैं ये अचूक उपाय