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आज मुश्किलों में फंस सकती हैं ये 5 राशियां ग्रहों की चाल से बढ़ेगा तनाव, 3 मिनट के इस वीडियो में जाने बचाव के उपाय

 

21 जुलाई 2025 को सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है, जिसे कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह तिथि सुबह 9:38 बजे तक रहेगी। इसके साथ ही आज सावन का दूसरा सोमवार भी है। आज रोहिणी नक्षत्र रात 9:07 बजे तक रहेगा, उसके बाद मृगशिरा नक्षत्र आरंभ होगा। वृद्धि योग शाम 6:39 बजे तक रहेगा, तत्पश्चात ध्रुव योग रहेगा। बालव करण सुबह 9:38 बजे तक रहेगा, तत्पश्चात कौलव रात्रि 8:21 बजे तक रहेगा और इसके बाद तैतिल करण रहेगा।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/PgpDeGJg0G4?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/PgpDeGJg0G4/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="Today Rashifal | शोभन योग में महाकाल की कृपा से पलटेगी इन राशियों की किस्मत | 21 July 25" width="1250">
ग्रहों की चाल इस दिन कुछ विशेष प्रभाव डाल रही है। चंद्रमा और शुक्र वृषभ राशि में एक साथ रहेंगे, जिसका प्रभाव भावनाओं और सुख-सुविधाओं पर पड़ेगा। गुरु मिथुन राशि में अकेले रहेंगे, जिससे बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होगी। सूर्य और बुध कर्क राशि में रहेंगे, जिसका प्रभाव मन और आत्मविश्वास पर पड़ेगा। मंगल और केतु सिंह राशि में रहेंगे, जिसका प्रभाव साहस और आध्यात्मिकता पर पड़ेगा। राहु कुंभ राशि में और शनि मीन राशि में रहेगा, जिससे कुछ राशियों के लिए चुनौतियाँ आएंगी। आइए जानते हैं कि 21 जुलाई का दिन किन राशियों के लिए अच्छा नहीं रहेगा और इसके लिए क्या उपाय करें?

मिथुन
चंद्रमा आपके द्वादश भाव को प्रभावित करेगा। इससे खर्चे बढ़ सकते हैं और मन में बेचैनी हो सकती है। रोहिणी नक्षत्र के आरंभ में चंद्रमा और शुक्र की युति आपको भावनात्मक रूप से परेशान कर सकती है। मृगशिरा नक्षत्र में मंगल और केतु का प्रभाव निर्णय लेने में असमंजस पैदा कर सकता है। इससे काम में रुकावटें या छोटी-मोटी गलतफहमियाँ हो सकती हैं। उपाय: सुबह स्नान करने के बाद भगवान शिव को गंगाजल और बिल्व पत्र अर्पित करें।

कर्क
सूर्य और बुध आपकी ही राशि यानी प्रथम भाव में हैं, लेकिन मंगल और केतु के चतुर्थ भाव में होने से घर में सुख-शांति कम हो सकती है। रोहिणी नक्षत्र की भावनात्मक ऊर्जा और मृगशिरा की अस्थिरता आपको चिंता दे सकती है। परिवार में छोटे-मोटे झगड़े या तनाव हो सकते हैं। उपाय: भगवान शिव को दूध और सफेद फूल चढ़ाएँ।

कन्या
मंगल और केतु आपके बारहवें भाव में हैं, जिससे ख़र्चे बढ़ सकते हैं और मन में छिपा हुआ डर या चिंता हो सकती है। चंद्रमा और शुक्र का ग्यारहवें भाव में होना मित्रों या आय के स्रोतों में कुछ तनाव पैदा कर सकता है। वृद्धि योग के बावजूद, जल्दबाज़ी में कोई भी फ़ैसला लेने से बचें। उपाय: भगवान शिव को चंदन चढ़ाएँ।

कुंभ
राहु आपकी राशि के प्रथम भाव में और केतु सप्तम भाव में है, जिससे रिश्तों या व्यावसायिक साझेदारी में समस्याएँ आ सकती हैं। मृगशिरा नक्षत्र की अस्थिरता और मंगल का प्रभाव ग़लतफ़हमियों को बढ़ा सकता है। कामकाज में छोटी-मोटी रुकावटें भी आ सकती हैं। उपाय: भगवान शिव को शहद और बिल्व पत्र चढ़ाएँ।

मीन
शनि आपकी राशि में और केतु छठे भाव में है, जिससे स्वास्थ्य या शत्रुओं से संबंधित समस्याएँ हो सकती हैं। चंद्रमा और शुक्र का तीसरे भाव में होना भाई-बहनों से परेशानी या छोटी यात्राओं का कारण बन सकता है। ध्रुव योग के बावजूद, मन में तनाव रह सकता है। उपाय: भगवान शिव को पीले फूल और केसर चढ़ाएं।