आज इन 5 राशियों के लिए ग्रहों की चाल बन सकती है बड़े नुकसान का कारण, लीक्ड फुटेज में जाने कौन सी है ये राशियाँ और क्या करे उपाय ?
16 जुलाई 2025 को पंचांग के अनुसार, दिन की शुरुआत षष्ठी तिथि से होगी, जो रात 9:01 बजे तक रहेगी, उसके बाद सप्तमी तिथि शुरू होगी। नक्षत्र की बात करें तो पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र सुबह 5:46 बजे तक रहेगा, फिर उत्तराभाद्रपद नक्षत्र शुरू होगा। शोभन योग सुबह 11:57 बजे तक रहेगा, उसके बाद अतिगंड योग शुरू होगा। गर करण सुबह 9:52 बजे तक रहेगा, फिर वणिज करण शुरू होगा, जो रात 9:01 बजे तक रहेगा। इसके बाद विष्टि करण (भद्रा) शुरू होगा।
ग्रहों की स्थिति में, शनि और चंद्रमा मीन राशि में विराजमान होंगे। इससे विष योग बनेगा। शुक्र वृषभ राशि में और बृहस्पति मिथुन राशि में रहेंगे। सूर्य शाम 5:40 बजे मिथुन राशि से कर्क राशि में गोचर करेंगे और बुध के साथ बुधादित्य योग बनाएंगे। मंगल और केतु की युति सिंह राशि में रहेगी, जबकि राहु कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे। ग्रहों और नक्षत्रों की इस स्थिति के कारण कुछ राशियों को भारी नुकसान होने की आशंका है। आइए जानते हैं किन राशियों के लिए आज का दिन ठीक नहीं रहेगा और दिन को शुभ बनाने के लिए क्या उपाय करने चाहिए?
मेष राशि
मेष राशि के चतुर्थ भाव पर सूर्य के कर्क राशि में गोचर का प्रभाव घरेलू जीवन, माता के स्वास्थ्य और मानसिक शांति पर पड़ेगा। पंचम भाव में मंगल और केतु की युति प्रेम संबंधों, संतान और रचनात्मक कार्यों में बाधा उत्पन्न कर सकती है। अतिगंड योग और विष्टि करण के कारण रात्रि में तनाव बढ़ सकता है। मेष राशि वालों को इस दिन धैर्य रखना चाहिए और जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचना चाहिए। उपाय: तांबे के लोटे में जल लें, उसमें लाल फूल डालें और सुबह सूर्य को अर्घ्य दें।
मिथुन राशि
सूर्य का गोचर मिथुन राशि के द्वितीय भाव को प्रभावित करेगा। इसका धन, वाणी और पारिवारिक संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। मिथुन राशि में बृहस्पति की उपस्थिति निर्णय लेने में मदद करेगी, लेकिन दशम भाव में चंद्रमा और शनि की युति करियर और कार्यस्थल पर दबाव बढ़ा सकती है। अतिगंड योग के कारण गलत निर्णय लेने की संभावना रहेगी। इस दिन अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना ज़रूरी है। उपाय: भगवान गणेश को 21 दूर्वा अर्पित करें और 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का 21 बार जाप करें।
सिंह
आपके प्रथम भाव में मंगल और केतु की युति स्वास्थ्य, स्वभाव और आत्मविश्वास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। सूर्य का गोचर आपके द्वादश भाव को प्रभावित करेगा, जिससे मानसिक तनाव के साथ-साथ ख़र्चों में वृद्धि हो सकती है। विष्टि करण के प्रभाव के कारण रात्रि में जोखिम भरे कार्यों से बचें। सिंह राशि वालों को इस दिन क्रोध और जल्दबाजी से बचना होगा। उपाय: हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान मंदिर में तिल के तेल का दीपक जलाएँ।
धनु
सूर्य का गोचर धनु राशि के अष्टम भाव में होगा, जिससे अचानक परेशानियाँ, स्वास्थ्य समस्याएँ या अप्रत्याशित घटनाएँ हो सकती हैं। चतुर्थ भाव में चंद्रमा और शनि की युति घरेलू सुख और माता के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। अतिगंड योग और विष्टि करण के कारण इस दिन जोखिम भरे कार्यों से बचना चाहिए। उपाय: प्रातः आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
मीन राशि
चंद्रमा और शनि की युति मीन राशि के प्रथम भाव में विष योग बनाएगी, जिससे मानसिक तनाव, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और भावनात्मक अस्थिरता हो सकती है। सूर्य का गोचर पंचम भाव को प्रभावित करेगा, जिससे प्रेम, संतान और रचनात्मक कार्यों में समस्याएँ आ सकती हैं। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के उग्र स्वभाव के कारण सुबह तक अशांति रह सकती है। मीन राशि वालों को आज के दिन शांत रहना होगा। उपाय: 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का 108 बार जाप करें।