हर कष्ट और रोग से मुक्ति दिलाते हैं हनुमान जी के ये 6 चमत्कारी मंत्र
भगवान हनुमान को संकटमोचन कहा जाता है। बजरंगबली की पूजा करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है, तो उसे बजरंगबली की शरण में जाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी की पूजा करने से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं।
भगवान राम के भक्त और रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास ने हनुमान जी के लिए एक स्तोत्र की रचना की है, जिसके पाठ से गंभीर से गंभीर रोग भी ठीक हो जाते हैं। यदि कोई व्यक्ति चिकित्सा के साथ इसका पाठ करता है, तो उसे शीघ्र ही रोग से मुक्ति मिल जाती है।
तुलसीदास बीमार पड़ गए
ऐसा माना जाता है कि एक बार गोस्वामी तुलसीदास गंभीर रूप से बीमार पड़ गए। वे इस रोग से बहुत पीड़ित थे। उस समय उन्होंने एक स्तोत्र की रचना की और उसका जाप भी किया। भगवान हनुमान ने उन्हें आशीर्वाद दिया और वे उस रोग से मुक्त हो गए। यह स्तोत्र बाद में हनुमान बाहुक के नाम से प्रसिद्ध हुआ। हनुमान बाहुक में 44 चरण हैं। इनका पाठ करने वाला व्यक्ति हर गंभीर रोग से मुक्ति पाता है।
हनुमान बाहुक क्या है?
हनुमान बाहुक एक स्तोत्र है, जिसमें 44 छंद हैं। इस स्तोत्र में हनुमान जी की महिमा, शक्ति और भक्ति का वर्णन है। प्रत्येक छंद में भगवान हनुमान, उनकी शक्ति, बुद्धि और भक्तों के प्रति उनकी करुणा का गुणगान किया गया है। यह स्तोत्र हिंदी और अवधी भाषाओं में लिखा गया है, जो इसे भक्तों के लिए सरल और प्रभावी बनाता है। हनुमान बाहुक का पाठ उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है जो शारीरिक व्याधियों, मानसिक तनाव या अन्य कष्टों से पीड़ित हैं।
ऐसे पढ़ें
यदि कोई व्यक्ति गठिया, गले के रोग, जोड़ों या सिरदर्द आदि से पीड़ित है, तो उसे एक पात्र में जल रखकर 21 दिनों तक हनुमान बाहुक का पाठ करना चाहिए। पाठ पूरा होने के बाद प्रतिदिन उस जल को पिएँ और अगले दिन दूसरा जल रख दें। ऐसा करने से रोग समाप्त हो जाता है। साथ ही, यदि कोई कार्य रुका हुआ हो या कोई मनोकामना पूरी नहीं हो रही हो, तो भी हनुमान बाहुक का पाठ अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।
जादू-टोने से भी दिलाती है मुक्ति
यदि किसी व्यक्ति को डर है कि कोई उस पर काला जादू कर रहा है या उसके साथ विश्वासघात हो रहा है, तो उसे नियमित रूप से हनुमान बाहुक का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से मंत्र का प्रभाव नहीं होता है। इसके साथ ही हनुमान बाहुक का पाठ करने वाले व्यक्ति पर भूत-प्रेत भी अपनी नजर नहीं डाल सकते। ऐसे व्यक्ति को किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्ति छू भी नहीं सकती।