क्या है कुंडली का गजकेसरी योग और क्या हैं इसके फायदें
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: ज्योतिषशास्त्र में जन्मकुंडली को बेहद महत्वपूर्ण बताया गया है वही जन्मकुंडली में शुभ योग का होना भाग्योदय का प्रतीक माना जाता है कुंडली में वैसे तो कई सारे योग बनते हैं जिसे शुभ योग कह सकते हैं यह योग मानव के आगे के सफर को पहचानने में मदद करते हैं कुंडली में बनने वाले सभी योगों में से एक विशेष योग है
जो जातक की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का काम करता है और साथ ही शक्ति व बुद्धि में भी विकास करता है यह योग मानव जीवन में उच्च पद नेता या अभिनेता बनने का योग भी बनाता है ज्योतिषशास्त्र में इस योग के होने से मनुष्य अपने जीवन में सफल और प्रसिद्ध बनता है इस योग का नाम है गजकेसरी योग, तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा इसी विशेष और शुभ योग के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
आपको बता दें कि सभी प्रमुख धन योगों में से एक गजकेसरी योग माना जाता है गुरु और चंद्र योग से इस योग का निर्माण होता है इसे ज्योतिष में भी शुभ बताया गया है अगर किसी जातक की जन्मकुंडली में किसी भी भाव में गुरु और चंद्रमा का योग बन रहा होता है और किसी पाप ग्रह की दृष्टि उस पर नहीं पड़ती है तो यह बेहद ही शुभ माना जाता है ज्योतिष अनुसार जब शुभ ग्रहों की नजर पंचम में पड़े तो उसे संतान सुख का संकेत माना जाता है जब श्रोताअें के कुंडली में शुक्र का स्थान शुभ होता है तो वह संतान सुखी और सफलता पाने वाली मानी जाती है।
जानिए गजकेसरी योग का निर्माण—
ज्योतिष अनुसार अगर किसी जातक की जन्मकुंडली में गजकेसरी योग बनता है तो इसे सौभाग्यशली माना जाता है केंद्र में गुरु और चंद्र एक दूसरे को देख रहे हो तो यह योग बनता है प्रबल या कहें प्रभावकारी गजकेसरी योग का निर्माण गुरु की चंद्रमा पर पांचवी या नवीं दृष्टि से भी बनता है अगर गुरु और चंद्रमा कर्क राशि में एक साथ विराजमान हो और कोई अशुभ ग्रह इन्हें न देख रहा है तो ऐसी सिथति में बहुत ही सौभाग्यशाली गजकेसरी योग का निर्माण होता है इसका कारण गुरु को कर्क राशि में उच्च माना गया है और चंद्रमा कर्क राशि का स्वामी होने से स्वराशि के होते हैं मान्यता है कि इस योग के बनने से व्यक्ति अपने जीवन में खूब सफलता और तरक्की हासिल करता है ऐसे लोगों को समाज में मान सम्मान तो मिलता ही है साथ ही ये लोग राजाओं जैसा जीवन जीते हैं और सभी सुखों को हासिल करते हैं।