Surya puja: नकारात्मक सपनों से राहत पाने के लिए करें सूर्यदेव की स्तुति, जरूर मिलेगा लाभ
ज्योतिषशास्त्र और स्वप्नशास्त्र में सपनों को विशेष महत्व दिया जाता हैं। खुली आंखों से देखे सपनों का संसार व्यक्ति को आगे बढ़ाता है यह व्यक्ति के सकारात्मक विचारों से उपजे होते हैं। लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने को प्रेरित करते हैं इसके विपरीत सोते समय देखे जाने वाले सपने मिश्रित फलकारक माने जाते हैं
दुःस्वप्न नाशक सूर्य स्तुति बुरे सपने के प्रभावों से बचाती हैं नकारात्मक भावों वाले स्वप्न को आने से रोकती है इस स्तुति का पाठ सुबह भोर के समय करना चाहिए। इससे देखे गए स्वप्न का प्रभाव नष्ट हो जाता हैं।
आदित्यः प्रथमं नाम, द्वितीयं तु दिवाकरः
तृतीयं भास्करं प्रोक्तं, चतुर्थं च प्रभाकरः
पंचमं च सहस्त्रांशु, षष्ठं चैव त्रिलोचनः
सप्तमं हरदिश्वश्च, अष्टमं च विभावसुः
नवमं दिनकृत प्रोक्तं, दशमं द्वादशात्मकः
एकादशं त्रयीमूर्त्तिर्द्वादशं सूर्य एव च
द्वादशैतानि नामानि प्रातःकाले पठेन्नरः
दुःस्वप्ननाशनं सद्यः सर्वसिद्धि प्रजायते
वही सूर्य देव की यह स्तुति दुःस्वप्नों के प्रभाव को उसी तरह से नष्ट कर देती हैं जिस तरह से सूर्य अंधकार को नष्ट करता है आकश में फैले उजाले के समान यह स्तुति आशंकाओं से मुक्त कर आशाओं का संचार करती हैं। सूर्य को देवता माना गया हैं इनकी पूजा आराधना से भी भक्तों को कई तरह के लाभ मिले हैं।