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Ganesh mantra: इच्छापूर्ति के लिए पढ़ें श्री गणेश का यह मंत्र, जानिए इसका अर्थ

 

हिंदू धर्म में पूजा पाठ और व्रत के साथ साथ मंत्रों का जाप भी विशेष महत्व रखता हैं मंत्र व्यक्ति के अंदर सकारात्मक शक्ति का संचार करते हैं और नकारात्मक शक्ति को नाश करते हैं मंत्रोच्चारण के बाद भी व्यक्ति अपने अंदर एक आध्यात्मिक शांति और शक्ति महसूस करते हैं। इसका कारण यही हैं कि जो नकारात्मक शक्ति व्यक्ति को अशांत रखती हैं वह मंत्रोउच्चारण से दूर हो जाती हैं, तो आज हम आपको अपने इस लेख में भगवान श्री गणेश के महामंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।

आज हम बात कर रहे हैं भगवान श्री गणेश के मंत्र की। मान्यताओं के मुताबिक किसी भी तरह के कार्य को शुरू करने से पहले भगवान श्री गणेश का स्मरण इस मंत्र के साथ जरूर करना चाहिए। इससे आपके सभी कार्य निश्चित रूप से सिद्ध हो जाते हैं और किसी भी तरह की कोई बांधा उत्पन्न नहीं होती हैं। भगवान श्री गणेश जहां शुभता के प्रतीक माने जाते हैं वही सुख समृद्धि और शांति के कारक भी हैं इन्हें मंगल कार्यों के लिए विशेष रूप से पूजा जाता हैं इनकी पूजा जितनी सरल होती हैं उतनी ही इनकी सेवा, भगवान केवल दूर्वा से ही प्रसन्न हो जाते हैं मोदक और लड्डू का भोग भी इन्हें अति प्रिय होता हैं। ऐसी मान्यता हैं कि श्री गणेश मंत्रों का रोजान जाप करने से जीवन में कठिनाईयों का दौरा समाप्त हो जाता हैं वही आने वाली सभी बांधाएं भी दूर हो जाती हैं।

यहां पढ़ें श्री गणेश मंत्र—
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

जानिए इस मंत्र का अर्थ— घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर काय, करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली मेरे प्रभु, हमेशा मेरे सारे कार्य बिना विघ्न के पूरे करें।