हिंदू धर्म में पूजा पाठ के साथ कई तरह के नियम और स्तोत्र बताए गए हैं। यह स्तोत्र श्रीरुद्रयामल के गौरी तंत्र मंज शिव पार्वती संवाद के नाम से उदधृत हैं दुर्गा सप्तशती का पाठ थोड़ा कठिन हैं ऐसे में कुंजिका स्तोत्र का पाठ अधिक सरल भी हैं और प्रभावशाली भी माना जाता हैं मात्र कुंजिका स्तोत्र के पाठ से सप्तशती के सम्पूर्ण पाठ का फल भी व्यक्ति को प्राप्त होता हैं। तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं। इसके मंत्र स्वत: सिद्ध किए हुए हैं इसलिए इन्हें अलग से सिद्ध करने की कोई जरूरत नहीं होती हैं यह अद्भुत स्तोत्र हैं जिसका प्रभाव बहुत ही चमत्कारी माना जाता हैं इसके नियमित पाठ से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति हो जाती हैं
नवरात्रि में अगर इसका पाठ किया जाए तो और भी अधिक शुभ होता हैं। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ बहुत फायदेमंद हैं मनुष्य को वाणी और मन की शक्ति प्राप्त होती हैं व्यक्ति के अंदर असीम शक्ति का संचार होता हैं व्यक्ति को खराब ग्रहों के प्रभाव से भी छुटकारा मिल जाता हैं जीवन में धन समृद्धि की प्राप्ति होती हैं तंत्र मंत्र की नकारात्मक शक्ति का कोई प्रभाव व्यक्ति पर नहीं होता हैं।
वही शाम के वक्त या रात्रि के समय इसका पाठ करना बहुत ही शुभ और उत्तम माना जाता हैं देवी के समक्ष एक दीपक जलाकर इसके बाद लाल आसन पर बैठें। लाल वस्त्र धारण कर सके तो और भी अच्छा रहेगा। इसके बाद देवी मां को प्रणाम करके संकल्प करें। फिर कुंजिका स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने वाले साधक को पवित्रता का पालन करना भी जरूरी होता हैं।