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Shri vaibhav laxmi aarti and mantra: आज करें श्री वैभव लक्ष्मी मंत्र का जाप और आरती, बनी रहेगी देवी मां की कृपा

 

हिंदू धर्म में शुक्रवार के दिन को देवी मां लक्ष्मी का दिना माना जाता हैं और आज शुक्रवार हैं आज के दिन माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा की जाती हैं इस दिन वैभव लक्ष्मी का व्रत भी किया जाता हैं यह माता लक्ष्मी का ही एक स्वरूप होता हैं इनकी पूजा करने से घर में सुख समृद्धि का वास होता हैं जातक को किसी भी तरह की आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता हैं। साथ ही रूका हुआ धन भी वापस आ जाता हैं मान्यताओं के मुताबिक वैभव लक्ष्मी के व्रत 11 या 21 शुक्रवार तक करना चाहिए। अगर किसी कारण के चलते आप किसी शुक्रवार व्रत नहीं कर पा रहे हैं तो माता से क्षमा मांग ले। तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं श्री वैभव लक्ष्मी मंत्र और आरती, तो आइए जानते हैं।यहां पढ़ें श्री वैभव लक्ष्मी मंत्र—

या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।

या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥

या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।

सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती॥

श्री वैभव लक्ष्मी आरती—

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।

सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥