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Shardiya navratri 2020: ऐसा है मां भगवती का सातवां स्वरूप, जानिए कालरात्रि से जुड़ी कथा

 

हिंदू धर्म में नवरात्रि के त्योहार को बहुत ही खास माना जाता हैं वही इस समय शारदीय नवरात्रि का त्योहार चल रहा हैं नवरात्रि के पावन उत्सव में देवी मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना व पूजा की जाती हैं सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती हैं मान्यता है कि मां कालरात्रि की पूजा तभी संपन्न होती हैं जब तक की मां की व्रत कथा को पढ़ा या सुना नहीं जाता हैं तो आज हम आपको देवी मां भगवती के इसी रूप का वर्णन विस्तार से करने जा रहे हैं और इससे जुड़ी पौराणिक कथा भी बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।मां भगवती की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं यानी जिनके शरीर का रंग घने अंकधकार की तरह एकदम काला हैं नाम से ही जाहिर हैं कि इनका रूप भयानक हैं सिर के बाल बिखरे हैं और गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला हैं अंधकारमय स्थितियों का विनाश करने वाली शक्ति मानी जाती हैं कालरात्रि। काल से भी रक्षा करने वाली यह शक्ति हैं। मां के तीन नेत्र हैं ये तीनों ही नेत्र ब्रह्मांड के समान गोल हैं इनकी सांसों से आग निकलती हैं ये गर्दभ की सवारी करती हैं

देवी मां कालरात्रि की पूजा करने से ब्रह्मांड की सारी सिद्धियों के दरवाजे खुल जाते हैं और तमाम असुरी शक्तियां उनके नाम के उच्चारण से ही भयभीत होकर दूर भागने लगती हैं इसलिए दानव, दैत्य, राक्षस और भूत प्रेत उनके स्मरण से ही भाग जाते हैं।