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Maa kalaratri puja mantra: नवरात्रि के सातवें दिन करें मां कालरात्रि के इस महामंत्र का जाप

 

शारदीय नवरात्रि का त्योहार इस बार 17 अक्टूबर से शुरू हुआ था। वही आज नवरात्रि का सातवां दिन हैं इस दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप की आराधना की जाती हैं। इनकी पूजा आराधना करने से जातक पर आने वाली आकस्मिक संकटों से रक्षा होती हैं मां का यह रूप शत्रु और दुष्टों का संहार करने वाला माना गया हैं नवरात्रि के सातवें दिन जो मां कालरात्रि की पूजा करते हैं उन्हें भूत, प्रेत या बुरी शक्ति का भय नहीं होता हैं माता का रंग कृष्ण वर्ण का हैं अपने रंग के कारण ही इन्हें कालरात्रि कहा गया हैं मां की चार भुजाएं हैं असुरों के राजा रक्तबीज का संहार करने के लिए ही दुर्गा मां ने मां कालरात्रि को उत्पन्न किया था। जो भी भक्त मां की सच्चे मन से पूजा करते हैं उनकी इच्छाएं पूरी हाती हैं तो आज देवी मां की पूजा में करें इस महामंत्र का जाप।

आपको बता दें कि नवरात्रि के सातवें दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत होकर मां का ध्यान करें। और मां कालरात्रि को अक्षत, धूप, पुष्प, गंध और गुड़ का नैवेद्य अर्पित करें। फिर माता को उनका प्रिय पुष्प रातरानी अर्पित करें। मां कालरात्रि के मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए। इसके बाद सच्चे मन से देवी मां की पूजा करें। मान्यता हैं किस इस दिन मां को गुड़ जरूर अर्पित करना चाहिए। साथ ही गरीबों को दान करना भी जरूरी माना जाता हैं देवी मां का प्रिय रंग लाल हैं।

जानिए मां कालरात्रि का मंत्र—

1. ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम: .

2. ॐ कालरात्र्यै नम:

3. ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ

4. ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा।

5. ॐ ऐं सर्वाप्रशमनं त्रैलोक्यस्या अखिलेश्वरी।

एवमेव त्वथा कार्यस्मद् वैरिविनाशनम् नमो सें ऐं ॐ।।

6. ॐ यदि चापि वरो देयस्त्वयास्माकं महेश्वरि।।

संस्मृता संस्मृता त्वं नो हिंसेथाः परमाऽऽपदः ॐ।

7. ॐ ऐं यश्चमर्त्य: स्तवैरेभि: त्वां स्तोष्यत्यमलानने

तस्य वि‍त्तीर्द्धविभवै: धनदारादि समप्दाम् ऐं ॐ।