हिंदू धर्म में पूजा पाठ और दान के कार्यों को विशेष महत्व दिया जाता हैं वही मां शाकंभरी सभी को शीतलता और स्वास्थ्य प्रदान करने वाली देवी मानीजाती हैं 21 जनवरी से 28 जनवरी 2021 तक शाकंभरी नवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा हैं भारत में कुल 5 बार नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता हैं इनमें चैत्र, अश्विन और शारदीय की नवरात्रि से सभी परिचित हैं इसके अलावा दो बार गुप्त नवरात्रि का पर्व भी मनाया जाता हैं आगामी गुप्त नवरात्रि फरवरी में 12 तारीख से आरंभ होने वाली हैं यह 21 फरवरी तक मनाया जाएगा। तो आज हम आपको शाकंभरी नवरात्रि में दान पुण्य और पूजा पाठ के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
आपको बता दें कि शाकंभरी नवरात्रि में फल पुष्प और हरी सब्जियों को दान करने का विशेष महत्व होता हैं माता शाकंभरी ने अपनी देह पर इन्हें उगाकर विश्व का भरण पोषण किया था। शीत और बसंत ऋतु में हरी सब्जियों और फलों की प्रमुखता रहती हैं शाकंभरी नवरात्रि उत्तराखंड सहित उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में प्रमुखता से मनाई जाती हैं इनमें माता वैष्णों देवी, कांगड़ा देवी, बाला सुंदरी नैना देवी आदि प्रमुख मानी जाती हैं हजार आंखों वाली होने से इनका नाम शताक्षी देवी भी हैं। शताक्षी माता को मां शीतला के नाम से भी जाना जाता हैं वही राजस्थान में प्रमुखता से बासोड़ा शीतला मां के लिए ही मनाया जाता हैं इस दिन बासी चीजों का माता रानी को भोग लगाया जाता हैं यही प्रसाद स्वरूप सबको खिलाया जाता हैं और स्वयं भी ग्रहण किया जाता हैं ऐसा कहा जाता है कि शीतला माता की कृपा से चेचक जैसे रोग शांत रहते हैं।