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Sarva Pitru Amavasya 2023: कल अमावस्या पर इस शुभ मुहूर्त में करें पितरों को विदा, दिनदूनी रात चौगुनी तरक्की का मिलेगा आशीर्वाद 

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: 15 दिनों से चलने वाले पितृपक्ष का समापन कल यानी 14 अक्टूबर को दिन शनिवार को हो जाएगा। जिसे सर्व पितृ अमावस्या के नाम से जाना जाता है अमावस्या तिथि शनिवार के दिन पड़ी है जिस कारण इसे शनिश्चरी अमावस्या सभी कहा जा रहा हैं इस दिन लोग अपने पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करके उन्हें विदाई देते हैं।

जिससे पूर्वज की आत्मा को शांति और मोक्ष मिलता है। ज्योतिष अनुसार अगर सर्व पितृ अमावस्या के दिन शुभ मुहूर्त में पितरों को विदाई दी जाए तो वे शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं तो ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा सर्व पितृ अमावस्या पर पूर्वजों की विदाई का उत्तम मुहूर्त बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

अमावस्या पर श्राद्ध का मुहूर्त—
सर्व पितृ अमावस्या पर पितरों का श्राद्ध अगर शुभ मुहूर्त में किया जाए तो उत्तम फल मिलता है ऐसे में अमावस्या पर पितरों के श्राद्ध के लिए कई सारे शुभ मुहूर्त प्राप्त हो रहे हैं इनमें सबसे पहला मुहूर्त कुतुप मुहूर्त जो कि सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहने वाला है। वही इसके अलावा रोहिणिी मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 30 मिनट से दोपहर 1 बजकर 16 मिनट तक रहेगा।

इस दौरान पूर्वजों का श्राद्ध करना उत्तम माना जाता है पंचांग के अनुसार तीसरा शुभ मुहूर्त अपराह्न काल में दोपहर 1 बजकर 16 मिनट से 3 बजकर 35 मिनट तक प्राप्त होगा। ज्योतिष अनुसार अमावस्या तिथि पर इनमें से किसी भी मुहूर्त में पितरों का तर्पण किया जा सकता है तर्पण के लिए तिल, कुश और जल लेकर पितरों को अर्पित करें। इसके साथ ही पिंडदान के लिए चावल या जौ के रूप में गरीबों को भोजन कराएं। इस दिन जरूरतमंदों को दान देने से पितर प्रसन्न हो जाते हैं और सुख समृद्धि व वंश वृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।