×

Puja path: जाप की माला में क्यों होते हैं 108 मनके, जानिए इनका महत्व

 

हिंदू धर्म शास्त्रों में मंत्र जाप का बहुत महत्व होता हैं मंत्र जाप के लिए कई तरह की मालाओं का प्रयोग किया जाता हैं मगर सभी मालाओं में एक समानता होती हैं वह हैं कि उसमें दोनों की संख्या 108 होती हैं। शास्त्रों में 108 संख्या का अत्यधिक महत्व माना जाता हैं इसका धार्मिक महतव होने के साथ ही ज्योतिष्ज्ञ और वैज्ञानिक महत्व भी माना जाता हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं माला के 108 मनको का महत्व, तो आइए जानते हैं।

आपको बता दें कि मंत्र जाप के लिए तुलसी, रुद्राक्ष और स्फटिक आदि की माला का इस्तेमाल किया जाता हैं मंत्र जाप के लिए शांत वातावरण, आसन और माला का होना जरूरी हैं शास्त्र अनुसार संख्याहीन मंत्र जाप का कोई महत्व नहीं होता हैं और न ही फल की प्राप्ति होती हैं मान्यता है कि माला के मंत्र जाप करने पर मन की इच्छा जल्दी पूरी हो जाती हैं। माला के 108 मनको का संबंध मनुष्य की सांसो से माना जाता हैं एक स्वस्थ्य मनुष्य दिन और रात के 24 घंटो में करीब 21600 बार श्वास लेता हैं माना जाता हैं कि 24 घंटों में से 12 घंटे व्यक्ति अपने दैनिक कार्यों में व्यतीत कर देता हैं और शेष 12 घंटों में मनुष्य करीब 10800 सांस लेता हैं शास्त्र अनुसार एक व्यक्ति को दिन में 10800 ईश्वर का स्मरण करना चाहिए। मगर एक सामान्य मनुष्य के लिए इतना कर पाना संभव नहीं होता हैं इसलिए दो शून्य हटाकर जप के लिए 108 की संख्या को शुभ माना गया हैं जिसके कारण जाप की माला में मनको की संख्या भी 108 होती हैं।