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जन्मदिन विशेष : कुंड़ली के इस ग्रह के कारण मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच सकते हैं रजनीकांत

 

जयपुर। एक साधारण परिवार में जन्मे रजनीकांत ने बचपन में काफी संघर्ष का सामना किया है। बचपन से ही रजनीकांत को अभिनय का शौक था। इसके साथ ही जीवन के कठिन से कठिन दौर इन्होंने अपने जज्बे को बरकरार रखा और रंगमंच पर कई नाटक खेले। जीवन में रजनीकांत ने कुली, कारपेंटर, बस कंडक्टर की नौकरी तक की इन सब सफर को तय करने के बाद ये सुपर स्टार के रूप में चमकें।

रजनीकांत का जन्म 12 दिसंबर 1950 को बेंगलुरु में एक मराठी परिवार में हुआ था। रजनीकांत की कुंडली सिंह लग्न की तथा लग्नेश सूर्य चतुर्थ भाव में स्थित है इसके साथ ही मंगल की वृश्चिक राशि में धनेश व लाभेश बुध नक्षत्र व पंचमेश तथा अष्टमेश बृहस्पति के उपनक्षत्र में स्थित हैं।

रजनीकांत की कुंड़ली में सूर्य अपने मित्र राशि व मित्र नक्षत्र के साथ साथ उपनक्षत्र में विराजमान है, सूर्य की शुभ स्थिति में राहु व शनि की दृष्टि से युक्त हैं। इनकी कुंडली में नवांश में सूर्य पर शनि, राहु, बुध व बृहस्पति का प्रभाव पड़ रहा है। इनकी कुड़ली में सूर्य के प्रभाव के कारण इनकी स्थिति राजा की तरह बनाती है।

रजनीकांत के नवांश कुंडली के लग्नेश शुक्र स्वराशि वृष में कर्मेश चंद्रमा से युत  हैं जिनपर केतु और शनि की पूर्ण दृष्टि पड़ रही है। मंगल भी पूर्ण दृष्टि से शुक्र को देख रहा हैं। इनकी कुंड़ली में द्वितीय भाव वाणी व जिह्वा व के साथ साथ रहन सहन का है। इनकी कुंड़ली में राहु बृहस्पति की राशि, बृहस्पति के नक्षत्र और योगकारक मंगल के उपनक्षत्र में स्थति हैं। लग्न पर अष्टमेश बृहस्पति व योगकारक मंगल का पूर्ण प्रभाव है।

रजनीकांत की कुंड़ली में चन्द्रमा मकर राशि में व मंगल के साथ है जिससे कुंड़ली में लक्ष्मी योग बन रहा है। जिससे चलते ये तमिलनाडु में होने वाले विधान सभा चुनाव में सभी सीटों पर लड़ सकते हैं जिसके साथ साथ शुभ ग्रह के योग के कारण ये तमिलनाडु के अगले मुख्यमंत्री भी बन सकते हैं।