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Papankusha ekadashi 2020: व्यक्ति के कई पीढ़ियों के पापों का प्रायश्चित है यह एकादशी व्रत पूजा

 

हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों को बहुत ही विशेष माना गया हैं वही सभी व्रतों में प्रमुख व्रत नवरात्रि, पूर्णिमा, अमावस्या और एकादशी होता हैं उसमें भी सबसे बड़ा व्रत एकादशी का मना गया हैं चन्द्रमा की स्थिति के कारण मनुष्य की मानसिक और शारीरिक स्थिति खराब और अच्छी होती हैं ऐसी दशा में एकादशी व्रत से चन्द्रमा के हर खराब प्रभाव को कम किया जा सकता हैं यहां तक कि ग्रहों के असर को भी रोका जा सकता हैं क्योंकि एकादशी व्रत का सीधा असर व्यक्ति के मन और शरीर पर पड़ता हैं इसके अलावा एकादशी के व्रत से अशुभ संस्कारों को भी नष्ट किया जा सकता हैं तो आज हम आपको पापांकुशा एकादशी के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।

देखा जाए तो हर एकादशी का अपना अलग महत्वपूर्ण होता हैं मगर पापांकुशा एकादशी स्वयं के साथ दूसरों को भी लाभ देने वाली मानी जाती हैं इस एकादशी पर श्री विष्णु के पद्मनाथ रूप की पूजा होती हैं पापांकुशा एकादशी के व्रत से मन शुद्ध होता हैं मनुष्य के पापों का प्रायश्चित हो जाता हैं साथ ही माता पिता और मित्रों की पीढ़ियों को भी मुक्ति मिल जाती हैं।

व्रत में इन बातों का रखें ध्यान—
अगर आप पापांकुशा एकादशी व्रत का उपवास कर रहे हैं तो यह बहुत ही उत्तम हैं नहीं तो एक वेला सात्विक भोजन ग्रहण कर सकते हैं एकादशी के दिन चावल और भारी खाद्य का सेवन नहीं किया जाता हैं। रात्रि के समय पूजा का विशेष महत्व होता हैं आज के दिन क्रोध न करें, कम बोलें और आचरण पर नियंत्रण रखने का पूरी कोशिश करें।