इस रत्न को धारण करने से मिलती है शनि-राहु-केतु से मुक्ति, जानिए इसके फायदें
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हर किसी के जीवन में रत्नों का विशेष महत्व होता हैं वही ज्योतिष अनुसार रत्न हर व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं भाग्य का साथ नहीं मिल रहा हो या आर्थिक तंगी हो तो इसके लिए खास रत्न पहनने की सलाह दी जाती हैं इसके अलावा रत्न का ग्रहों से भी संंबंध होता हैं हर ग्रह दोष की शांति के लिए अलग अलग रत्न पहने जाते हैं मगर एक रत्न ऐसा है जिसे पहनने से शनि, राहु और केतु इन तीनों के अशुभ प्रभाव को समाप्त किया जा सकता हैं तो आज हम आपको उसी रत्न के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
शनि, राहु और केतु की पीड़ा से मुक्ति के लिए अलग अलग रत्न धारण किए जाते हैं रत्न शास्त्र के अनुसार शनि के लिए नीलम, राहु के लिए गोमेद और केतु के लिए लहसुनिया धारण करने की सलाह दी जाती हैं मगर शनि, राहु और केतु इन तीनों से मुक्ति के लिए लाजवर्त बेहद असरकारक माना जाता हैं इसका अंग्रजी नाम लेपिज लाजुली हैं।
दुर्घटनाओं से बचने के लिए भी लाजर्वत रत्न को पहनने की सलाह दी जाती हैं अगर अचानक धन हानि होती हैं तो इससे बचने के लिए भी धारण करने के लिए कहा जाता हैं ज्योतिष अनुसार राहु केतु के कारण पितृदोष का संकट झेलना पड़ता हैं लाजर्वत धारण करने से पितृ दोष शांत होता हैं इसके अलावा बिजनेस में तरक्की के लिए भी यह शुभ माना जाता हैं अगर जन्म कुंडली में सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण का दोष है तो इसके लिए भी लाजर्वत फायदेमंद होता हैं।
लाजवर्त को अंगूठी, ब्रॉसलेट और लॉकेट में बनवाकर पहना जा सकता हैं लाजवर्त को शनिवार के दिन पंचधातु या स्टील की धातु में जड़वाकर धारण करना चाहिए लाजवर्त धारण करने के लिए सूर्यास्त से दो घंटे पहले का समय अच्छा होता हैं किसी शनिवार के दिन इसकी प्राण प्रतिष्ठा करके शनि के किसी भी मंत्र को बोलते हुए इसे धारण करना चाहिए।