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जानिए रत्न धारण करने के सही नियम

 

व्यक्ति के जीवन में रत्नों का विशेष महत्व होता हैं वही रत्नज्योतिष में भी रत्न को खास महत्व दिया जाता हैं। वही वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की शांति के लिए रत्नों को धारण करने का उपाय बताया गया हैं। ये रत्न विधि और नियमों के मुताबिक ही पहने जाते हैं। क्योंकि बना नियम के धारण करने से इसके प्रभाव प्रतिकूल हो जाते हैं। इसलिए अगर आप कोई रत्न धारण करने जा रहे हैं तो सबसे पहले इनसे जुड़े हुए नियमों को जरूर जान लें तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं रत्नों को धारण करने के सही नियम, तो आइए जानते हैं।

रत्नज्योतिष में नौ ग्रहों के लिए नौ रत्न बताए गए हैं इसमें सूर्य ग्रह के लिए माणिक्य चंद्र ग्रह के लिए मोती, मंगल के लिए मूंगा, बुध के लिए पन्ना, गुरु के लिए पुखराज, शुक्र के लिए हीरा, शनि के लिए नीलम, राहु के लिए गोमेद और केतु के लिए लहसुनिया होता हैं।

जानिए रत्नों को धारण करने के नियम—
आपको बता दें कि सूर्य ग्रह की मजबूती के लिए माणिक्य रत्न तीन रत्ती से ऊपर वजनी का होना चाहिए। रत्न को कम से कम पांच रत्ती की सोने की अंगूठी में जड़वाएं। वही ध्यान रहे, जड़वाए हुए माणिक्य का असर केवल चार सालों तक ही होता हैं वही चंद्रमा की शांति के लिए उत्तम क्वालिटी का चार रत्ती का मोती धारण करें। इस रत्न को सोने या चांदी की अंगूठी में जड़वाकर पहनें अन्य धातु में नहीं। अंगूठी का वजन चार रत्ती से भी कम का न हो।

वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की शांति के लिए रत्नों को धारण करने का उपाय बताया गया हैं। ये रत्न विधि और नियमों के मुताबिक ही पहने जाते हैं। क्योंकि बिना नियम के धारण करने से इसके प्रभाव प्रतिकूल हो जाते हैं। इसलिए अगर आप कोई रत्न धारण करने जा रहे हैं तो सबसे पहले इनसे जुड़े हुए नियमों को जरूर जान लें जानिए रत्न धारण करने के सही नियम