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विवाह की तारीख तय करते समय कभी ना करें ये गलतियां, होगा बेहद अशुभ

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: धार्मिक मान्यताओं में विश्वास रखने वाले कई लोग ज्योतिष को भी मानते हैं लोग शादी विवाह से पहले कुंडली मिलान कराते हैं ज्योतिष में कुंडली मिलान का बहुत महत्व होता हैं इसके अलावा शादी से पहले अधिकतर लोग किसी पंडित से विवाह की तारीख तय कराते हैं

शादी की तारीख तय करने से पहले कुछ नियमों का ध्यान रखना चाहिए इनका पालन करने से परिवार में खुशियां हमेशा बनी रहती हैं तो आज हम आपको शादी की तारीख तय करने के मुख्य नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं इन नियमों का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी हैं तो आइए जानते हैं।  

जानिए विवाह तिथि तय करने के नियम—
आपको बता दें कि जिस महीने में माता पिता की शादी हुई थी, उसमें कभी भी विवाह नहीं करना चाहिए जैसे किसी के माता पिता की शादी फरवरी में हुई, तो उन लोगों को इस महीने को अवॉइड करना चाहिए इस बात को अधिक लोग नहीं जानते हैं लेकिन इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी हैं। घर के सबसे बड़े या बेटी की शादी ज्येष्ठ महीने में कभी नहींकरनी चाहिए। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ महीना मई और जून के बीच पड़ता हैं इस महीने में पहले संतान की शादी शुभ नहीं मानी जाती हैं इसलिए शादी की तारीख तय करते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें। 

पूर्वा, फाल्गुनी और पुष्य नक्षत्र को विवाह के लिए अच्छा नहीं माना जाता हैं ऐसे में जब जाप विवाह की तिथि निकलवा रहे हों तो एक बार पंडित से इस बात का पला कर लें कि इस दौरान इनमें से कोई नक्षत्र तो नहीं हैं स्पष्ट होने के बाद ही तिथि निर्धारित करें। गुरु और शुक्र में गोचर हो और तारा अस्त हो, वो समय विवाह के लिए अच्छा नहीं माना जाता हैं इसके अलावा चातुर्मास का समय भी विवाह के लिए शुभ नहीं होता हैं इसलिए इन तिथियों में भी विवाह करने से बचना चाहिए। वही जिस दिन सूर्य या चंद्र ग्रहण हो, उससे तीन दिन पहले औश्र तीन दिन बाद शादी की डेट फिक्स नहीं करनी चाहिए। ग्रहण के दौरान कोई भी वैवाहिक कार्य अशुभ माना जाता हैं।