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क्या है मार्गशीर्ष अमावस्या की महिमा और महत्व

 

हिंदू धर्म में कइ सारे व्रत और त्योहार होते हैं। हर व्रत और त्योहार का अपना अलग—अलग महत्व होता हैं। वही पौराणिक शास्त्रों अनुसार अगहन महीने की अमावस्या का बहुत ही खास महत्व और विशेषता होती हैं। इसे मार्गशीर्ष, पितृ अमावस्या और वही श्राद्धाहदि अमावस्या के नाम से भी जाना जाता हैं। आपको बता दें कि यह एक विशेष व्रत होता हैं।

वही मार्गशीर्ष के माह में गीता जयंती भी मनाई जाती हैं। इसी महीने में भगवान श्री कृष्ण ने गीता का दिव्य ज्ञान मनुष्यों को प्रदान किया था। इसी वजह से मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि अत्यधिक लाभदायी और पुण्यदायी भी मानी गई हैं। वही पुराणों के मुताबिक यह मान्यता हैं,कि इस दिन व्रत पूजन करने से पितृ प्रसन्न हो जाते हैं और पितृ दोष दूर होता हैं वही पितृ अपना आशीष भी अपने ​परिवारजनों को देते हैं।

आपको बता दें कि मार्गशीर्ष अमावस्या को पितृ पूजा का भी एक विशेष दिन माना जाता हैं। वही मार्गशीर्ष अमावस्या का व्रत करने से कुंडली के सभी दोष दूर हो जाते हैं। इस दिन गंगा स्नान,नदी, तट या किसी सरोवर पर स्नान करने का भी खास महत्व होता हैं। शाम के वक्त मंदिर में जाकर शुद्ध देशी घी का दीपक जलाया जाता हैं। वही घर के मंदिर में दीप जलाकर भगवान की पूजा और अर्चना की जाती हैं। वही अगर किसी जातक या व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष हैं और वो जीवन में हमेशा परेशानियों से घिरा हुआ अपने को अनुभव करता हैं। तो वो उस दिन उपवास रखकर पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं।

इसी दिन भगवान श्री सत्यनारायण की पूजान का भी एक खास महत्व होता हैं। व्यक्ति को भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़ते हुए आरती करनी चाहिए व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।