18 दिसंबर को है मार्गशीर्ष पूर्णिमा, जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को विशेष महत्व दिया जाता हैं वही पूर्णिमा का दिन हर मास में एक बार आता हैं और पूरे साल में पूर्णिमा के 12 दिन होते हैं और इनमें से हर दिन का अपना महत्व होता हैं इन सभी दिनों में मार्गशीर्ष मास का विशेष महत्व होता हैं ऐसा कहा जाता है कि इस महीने में आपको भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए।
वैसे तो पूरा महीना काफी महत्वपूर्ण होता हैं लेकिन पूर्णिमा को विशेष महत्व दिया गया हैं चद्र दर्शन यानी चंद्रमा को देखने का भी इस दिन महत्व हैं मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन कुछ लोग भगवान सत्यनारायण की कथा भी सुनते हैं और इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती हैं तो आज हम आपको पूर्णिमा के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा—
मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मार्गशीर्ष पूर्णिमा कहते हैं।
पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 18 दिसंबर, शनिवार सुबह 7: 24 बजे से होगी।
पूर्णिमा तिथि 19 दिसंबर रविवार को सुबह 10.05 बजे तक समाप्त होगी।
ऐसे में मार्गशीर्ष पूर्णिमा 18 दिसंबर 2021 को मनाई जाएगी।
पूर्णिमा का शुभ योग—
इस साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर शुभ योग बन रहे हैं 18 दिसंबर को संध्या योग सुबह 09.13 बजे तक है इसके बाद शुभ योग शुरू होगा। इसके बाद पूर्णिमा तिथि तक शुभ योग रहेगा। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन यानी 18 दिसंबर को चंद्रमा शाम 04:46 बजे उदय होगा।
पुराणों के अनुसार मार्गशीर्ष मास में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता हैं इस दिन पवित्र जल में स्नान करना शुभ माना जाता हैं मान्यता है कि इस दिन अगर आप दान पुण्य करते हैं तो आपको उसका फल जरूर मिलता हैं साथ ही भगवान सत्यनारायण की पूजा करना और कथा सुनना भी अच्छा माना जाता हैं पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करने से भी शुभ फल मिलता हैं और सभी पापों से मुक्ति मिलती हैं ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाना चाहिए।