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Maa durga aarti: मां दुर्गा की पूजा में जरूर गाएं ये आरती, कष्टों का होगा निवारण

 

हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व को बहुत ही खास माना जाता हैं वही शारदीय नवरात्रि का पर्व कल यानी 17 अक्टूबर दिन शनिवार से शुरू हो रहा हैं इस दौरान मां दुर्गा की आराधना व पूजा की जाती हैं इसका विशेष महत्व होता हैं मान्यताओं के मुताबिक जो लोग नवरात्रि पर देवी मां की विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं उस पर मां की विशेष कृपा बनी रहती हैं देवी मां अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उनके सभी दुखों को हर लेती हैं नवरात्रि के हर दिन मां के अलग अलग रूपों की पूजा की जाती हैं नवरात्रि पूजन के समय मां दुर्गा की आरती गाना बहुत ही शुभ और जरूरी माना जाता हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आएं है देवी मां दुर्गा की पूरी आरती।

यहां पढ़ें मां दुर्गा की आरती—

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री।। जय अम्बे गौरी,…।

मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को।

उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।। जय अम्बे गौरी,…।

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।

रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै।। जय अम्बे गौरी,…।

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी।। जय अम्बे गौरी,…।

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।

कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत समज्योति।। जय अम्बे गौरी,…।

शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती।

धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती।। जय अम्बे गौरी,…।

चण्ड-मुण्ड संहारे, शौणित बीज हरे।

मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।। जय अम्बे गौरी,…।

ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।

आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।। जय अम्बे गौरी,…।

चौंसठ योगिनि मंगल गावैं, नृत्य करत भैरू।

बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।। जय अम्बे गौरी,…।

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।

भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता।। जय अम्बे गौरी,…।

भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्परधारी।

मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।। जय अम्बे गौरी,…।

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।

श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।। जय अम्बे गौरी,…।

अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै।

कहत शिवानंद स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावै।। जय अम्बे गौरी,…।