जानिए क्यों हुआ था भगवान शिव और श्रीकृष्ण में भयानक युद्ध
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में कई ऐसी गाथाएं है जिसमें देवताओं की महाशक्ति का बखान कया गया हैं लेकिन कुछ ऐसी भी है जो आपने आज तक नहीं सुनी होगी। ऐसी ही एक कथा शिव और श्रीकृष्ण के युद्ध की है जिसमें एक ओर एक देवों के देव और महाशक्तिमान शिव और दूसरी ओर महाविष्णु का साक्षर रूप श्रीकृष्ण तो इसका नतीजा क्या निकला इसके बारे में हम आपको बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
इसके बाद बाणासुर को सबसे शक्तिशाली मानने लगा तब शिव बाणासुर को चेतावनी दी कि वह इन शक्तियों का घमंड ना करें और जब उसके माल का ध्वज गिर जाएगा तब उसकी मृत्यु नजदीक होगी तब बाणासुर की एक पुत्री उषा ने अपने सपने में एक सुंदर पुरुष को देखा और उस पर मोहित हो गई उसने यह बात अपनी सखी चित्रलेखा को बताइ तो वह नींद में ही उस पुरुष को उठाकर महल में ले आई तब उन्हें पता चला कि वह पुरुष श्रीकृष्ण का पौत्र अनिरुद्ध था।
इस कारण श्रीकृष्ण और बाणासुर में युद्ध होने लगा। मगर शिव के वरदान के कारण बाणासुर महाशक्तिमान बन गया। मगर फिर भी श्री कृष्ण का हर बाण बाणासुर से कहीं अधिक शक्तिशाली था। इस पर बाणासुर को अपनी हार दिखने लगी। तब उसने शिव को युद्ध में लड़ने के लिए बुलाया इस तरह शिव और श्रीकृष्ण में महा युद्ध शुरु हुआ जो कई दिनों तक चला तब श्रीकृष्ण ने शिव से कहा कि हे महादेव अगर वह अधर्मी बाणासुर की ओर से लड़ेंगे तो वह धर्म की स्थापना नहीं कर पाएंगे। इसका कोई मार्ग बताएं। तब शिव ने कृष्ण से जुरुमनास्त्र चलाने को कहा इस अस्त्र से शिव निद्रा में चले गए तब श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र से बाणासुर की चार भुजाएं छोड़कर बाकी सारे काट दिए तब शिव नीदं से जाग गए और श्रीकृष्ण वाणासुर का वध करने से रोक दिया।