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एक ही गोत्र में क्यों नहीं करते शादी, जानिए

 

आपको बता दें, कि हिंदू धर्म शास्त्रों में गोत्र का बहुत ही महत्व होता हैं वही पूजा पाठ और शादी विवार के समय गोत्र की जानकारी होना बहुत ही जरूरी माना जाता हैं वही हिंदू धर्म रिति रिवाजों के मुताबिक अगर किसी से शादी करनी हैं, तो बिना गोत्र जानें नहीं करनी चाहिए। अगर एक गोत्र के लड़का और लड़की दोनों मिल जाते हैं शादी नहीं होती हैं वही आज हम आपको बताने जा रहे हैं, कि आखिर क्यों हमारे समाज में गोत्र को इतना महत्वपूर्ण माना जाता हैं और इसके पीछे क्या कारण तो आइए जानते हैं।

हिंदू धर्म में अगर एक ही गोत्र के लड़का और लड़की दोनों होते हैं तो उनकी शादी नहीं कराई जा सकती हैं क्योंकि हमारे धर्म में एक गोत्र वाले लोग भाई बहन माने जाते हैं इसलिए वे पति और पत्नी नहीं बन सकते हैं। वही एक गोत्र में शादी करने के पीछे यह भी कारण बताया गया हैं कि अगर एक गोत्र में शादी होती हैं और जो संतान पैदा होती हैं उनके अंदर कुछ विकृतियां आ जाती हैं इसलिए एक गोत्र में शादी विवाह नहीं करना चाहिए।

वही हिंदू धर्म के जब लड़का लड़की की शादी विवाह की जाती हैं तो एक नहीं बल्कि तीन गोत्र को छोड़कर शादी की जाती हैं मां पिता और दादी के गोत्र को छोड़ने के बाद जो भी अन्य गोत्र मिलते हैं उनमें शादी किया जाता हैं इन तीनों गोत्र में शादी नहीं करनी चाहिए। वही यह भी मान्यता हैं कि किसी निकट के रिश्तेदारी में भी शादी करने से बच्चों के अंदर जो जीन्स बनते हैं उसमें कुछ कमियां होती हैं जिससे बच्चों का विकास सही से नहीं हो पाता हैं।

अगर एक ही गोत्र के लड़का और लड़की दोनों होते हैं तो उनकी शादी नहीं कराई जा सकती हैं क्योंकि हमारे धर्म में एक गोत्र वाले लोग भाई बहन माने जाते हैं इसलिए वे पति और पत्नी नहीं बन सकते हैं। वही एक गोत्र में शादी करने के पीछे यह भी कारण बताया गया हैं कि अगर एक गोत्र में शादी होती हैं और जो संतान पैदा होती हैं उनके अंदर कुछ विकृतियां आ जाती हैं जब लड़का लड़की की शादी विवाह की जाती हैं तो एक नहीं बल्कि तीन गोत्र को छोड़कर शादी की जाती हैं मां पिता और दादी के गोत्र को छोड़ने के बाद जो भी अन्य गोत्र मिलते हैं उनमें शादी किया जाता हैं एक ही गोत्र में क्यों नहीं करते शादी, जानिए