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Puja path: पूजा पाठ में क्यों बजाई जाती है घंटी, जानिए कारण

 

हिंदू धर्म में पूजा पाठ को विशेष महत्व दिया जाता हैं, वही प्रत्येक देवस्थान पर घंटी और बड़े बड़े घंटे लगे होते हैं पूजा में आरती के समय घंटी, शंख जरूर बजाते हैं घरों में भी पूजा करते समय घंटी जरूर बजाई जाती हैं ऐसा माना जाता हैं कि वैदिक काल से ही हिंदू मंदिर में घंटी बजाने की परंपरा चली आ रही हैं वैसे तो हिंदू धर्म में यह एक आस्था का​ विषय है कुछ लोग मानते हैं कि घंटी की आवाज से आत्मिक शांति का अनुभव होता हैं मगर इसका धार्मिक और वैज्ञानिक कारण भी हैं तो आज हम आपको घंटी बजाने के पीछे का कारण बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।

हिंदू धर्म में मंदिर में जाकर देवी देवताओं की प्रतीकात्मक मूर्तियों या अन्य प्रतीक चिन्हों की पूजा करने का प्रावधान हैं मंदिर भगवान का स्मरण करने का स्थान होता हैं रोजाना पूजा करते समय मंदिर में घंटे और घंटियां बजाई जाती हैं स्कंद पुराण के अनुसार घंटी से जो ध्वनि निकलती है वह ‘ॐ’ की ध्वनि के समान होती है, इसलिए माना जाता है कि जब कोई मंदिर में घंटी बजाता है तो उसको ‘ॐ’ की ध्वनि के समान होती हैं इसलिए माना जाता है कि जब कोई मंदिर में घंटी बजाता हैं तो उसको ‘ॐ’ उच्चारण के समान पुण्य प्राप्त होता हैं। धार्मिक दृष्टि से माना जाता है कि इन मूर्तियों में चेतना जागृत करने के लिए मंदिरों में घंटी बजाई जाती हैं घंटी बजाने से पूजा का प्रभाव बढ़ जाता हैं।

पुराणों में वर्णन मिलता है कि जब सृष्टि का सृजन हुआ उस समय जो आवाज गूंजी थी। घंटी की आवाज को उसी नाद का प्रतीक माना जाता हैं इसलिए बहुत ही प्राचीन समय से पूजा आरती करते समय घंटी बजाने का प्रचलन चला आ रहा हैं। घंटी बजाने के धार्मिक महत्व के बारे में बात की जाए तो इसके अनुसार जब घंटी बजाई जाती हैं तो उसकी आवाज़ से वातावरण में कंपन उत्पन्न होता हैं जिससे विशेष प्रकार की तरंबे निकलती हैं। घंटी की आवाज से वातारण की नकारात्क शक्ति दूर हो जाती हैं।