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नई गाड़ी खरीदने पर क्यों की जाती है सबसे पहले पूजा, जानिए ऐसा है कारण

 

जयपुर। हिंदू धर्म में कई ऐसे रीतिरिवाज होते हैं जिन्हें हम अनिवार्य रुप से करते हैं, लेकिन हम में से कई लोग को इन रीति रिवाज को करने के पीछे के कारण के बारे मे पता नहीं होता है। ऐसे में हम में से कई लोगो ने जब भी नई गाड़ी खरीदी है तो सबसे पहले उस गाड़ी को मंदिर ले कर गये हैं उस गाड़ी की पूजा की है। लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा क्यो किया जाता है, क्यों गाड़ी की पूजा करवाई जाती हैं। आखिर क्यों पूजा करने के बाद ही गाड़ी को प्रयोग किया जाता है। अगर आप इसके पीछे के कारण को नहीं जानते तो हम इस लेख में इससे जुडे कारण के बारे मे बता रहे हैं।  आखिर क्यों नई गाड़ी को चलाने से पहले उसकी पूजा की जाती है।

हिंदू धर्म में मान्यता के अनुसार किसी भी वाहन को भगवान गरुड़ का स्वरूप माना जाता है। शास्त्रों में माना जाता है कि गरुड़ देव की कृपा से ही इंसान यात्रा करता है, किसी भी व्यक्ती की यात्रा का सुखद बनाने के लिए उनकी कृपा आवश्यक हैं। ऐसा माना जाता है कि नये वाहन को चलाने से पहले उसकी पूजा करने से वयक्ति उस वाहन से सुरक्षित यात्रा करता है उसके साथ यात्रा के दौरान कोई  अप्रिय दुर्घटना नहीं होती।

शास्त्रों में भी वाहन पूजा के बारे में बताया गया है इन बातों का ध्यान रखने से जीवन में यात्रा के दौरान दुर्घटना से बचाव होता है। हम में से कई लोगो ने अक्सर अपने आस पास देखा होगा कि कुछ लोगों की गाड़ियां अक्सर खराब रहती है। इसका कारण कुंडली में मंगल और शनि की दशा का खराब होना है। अगर कुंड़ली में शनि-मंगल की दशा कमजोर होती है तो जीवन में दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है।

अगर कुंडली में शनि और मंगल की स्थिति मजबूत है तो जीवन में वाहन सुख मिलता है। नये वाहन लेते हैं तो उसकी पूजा के लिए कपूर, नारियल, फूलों की माला, कलश, मिठाई, सिंदूर, कलावा जरुर प्रयोग मे लाएं इसके साथ ही वाहन में सिंदूर और घी से स्वस्तिक जरुर बनाएं ऐसा करना वाहन के लिए शुभ माना जाता है ऐसा करने से यात्रा के दौरान दुर्घटना से बचा जा सकता है।