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Kharmas 2020: 15 दिसंबर से शुरू हो रहे खरमास, जानिए इससे जुड़े नियम

 

हिंदू धर्म में नए कार्य की शुरूवात के लिए शुभ समय को देखा जाता हैं वही खरमास 15 दिसंबर से लगने जा रहा हैं खरमास के लगते ही सभी तरह के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। यानी एक महीने तक कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होंगे। खरमास की अवधि 14 ​जनवरी 2021 को समाप्त होगी। इसके बाद से ही मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएगे। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं क्यों लगता है खरमास और इससे जुड़े नियम क्या हैं तो आइए जानते हैं। ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक सूर्यदेवता एक राशि में एक महीने तक रहते हैं इसके बाद ये राशि परिवर्तन करते हैं जिसे संक्रांति कहते हैं जिस भी राशि में सूर्य जाते हैं उसी राशि के नाम से संक्रांति जानी जाती हैं ऐसे ही जब सूर्य देवता धनु राशि में प्रवेश करते हैं तब खरमास लगता हैं मीन संक्रांति होने पर भी खरमास लगता हैं खरमास में सभी तरह के शुभ कार्य कार्य जैसे विवाह, मुंडन, सगाई, गृहप्रवेश के साथ व्रतारंभ और व्रत उद्यापन आदि वर्जित माना जाता हैं।

इस महीने सुबह जल्दी उठकर पवित्र जल से स्नान करना चाहिए। इसके बाद सूर्य देवता की पूजा करनी चाहिए। मान्यताओं के मुताबिक ऐसा कहा जाता है कि खरमास में दान पुण्य करने से पुण्य की प्राप्ति होती हैं इसलिए इस महीने गरीब और जरूरतमंद लोगों को भोजन खिलाना चाहिए। संभव हो तो उन्हें कंबल बांटें। खरमास में गौ पूजन और गौ संवर्धन करने से भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद भक्तों को प्राप्त होता हैं और धर में सुख शांति और समृद्धि में वृद्धि होती हैं।