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आज से शुरू हुआ कार्तिक मास, इन नियमों का पालन करने पर रोग-शोक से मिलेगी मुक्ति

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में सभी महीनों को विशेष माना गया हैं लेकिन कार्तिक का महीना खास होता हैं आज यानी गुरुवार ​21 अक्टूबर से कार्तिक मास की शुरुआत हो चुकी हैं पचांग के मुताबिक ये साल का आठवां महीना होता हैं और भगवान श्री विष्णु की पूजा के लिए समर्पित माना गया हैं शास्त्र अनुसार कार्तिक के महीने को सर्वश्रेष्ठ माह बताया गया हैं और धन, सुख, समृद्धि, शांति देने वाला कहा जाता हैं साथ ही रोगनाशक और शोकनाशक भी माना जाता हैं।

इस महीने में श्री विष्णु चार माह की योग निद्रा से जागते हैं इसके बाद उनका विवाह तुलसी के साथ कराया जाता हैं मान्यता है कि कार्तिक मास में विष्णु जी और तुलसी की पूजा करने और पुण्य कार्य करने से जातक के तमाम पाप कट जाते हैं शास्त्रों में भी तुलसी को मोक्षदायनी कहा गया हैं इस महीने में कुछ नियमों का पालन किया जाए तो रोग और दुख दूर हो जाते है। तो आज हम आपको कार्तिक मास में किए जाने वाले नियमों के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

कार्तिक मास में करें इन नियमों का पालन—
हर रोज शाम के समय तुलसी के नीचे दीपक जरूर जलाएं। माना जाता है कि इस माह में व्यक्ति की सभी बातें तुलसी के द्वारा भगवान श्री नारायण तक पहुंचती हैं तुलसी नारायण को अति ​प्रिय हैं।  कार्तिक महीने में उड़द, मूंग, मसूर,चना, मटर, राई आदि नहीं खाना चाहिए साथ ही लहसुन, प्याज, मांसाहार और शराब का सेवन भी छोड़ दें। साथ ही भूमि पर शयन करना चाहिए इस महीने में पूरी तरह से सात्विक जीवन जीना चाहिए। 


 
कार्तिक के महीने में इंद्रिय संयम की भी बात कही गई हैं क्योंकि सात्विक जीवन तन से ही नहीं मन से भी होना चाहिए ऐसे में व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए साथ ही लोगों की निंदा, चुगली, विवाद, खाने के प्रति आसक्ति, अत्यधिक नींद लेने आदि की आदत का त्याग करना चाहिए ये महीना पूरी तरह से तप करने वाला माह माना गया हैं। कार्तिक मास में गंगा स्नान भी महत्वपूर्ण माना जाता हैं मगर आपके लिए ये संभव न हो तो आप रोजाना नहाते वक्त किसी बाल्टी में थोड़ा गंगा जल डालकर स्नान कर सकते हैं।