Janaki jayanti vrat katha: आज माता सीता की पूजा में जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, मिलेगा पुण्य फल
आज यानी 6 मार्च दिन शनिवार को जानकी जयंती का त्योहार मनाया जा रहा हैं जानकी जयंती के पर्व को सीता अष्टमी, सीता जयंती आदि नामों से जाना जाता हैं माता सीता का एक नाम जानकी भी हैं इस दिन लोग व्रत उपवास रखते हैं देवी मां सीता और प्रभु श्रीराम की पूजा अर्चना भी की जाती हैं
पौराणिक कथा के मुताकि मिथिला नरेश राजा जनक की कोई संतान नहीं थी। वे अपनी प्रजा से बहुत अधिक प्रेम करते थे। कई सालों तक उनके राज्य में वर्षा नहीं हुई थी। उनके राज्य में अकाल की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। तब राजा ने अपने राज्य को इस परेशानी से बचाने के लिए पुरोहितों और मुनियों को यज्ञ करने को कहा। साथ ही स्वयं खेत जोतने का उपाय बताया। राजा जनक ने हल पकड़ा और खेत जोतने लगे।
सीता के मिथिला में आते ही वहां की खुशियां वापस आ गईं। इसके बाद से लोग सुख के साथ जीवन जीने लगे। शास्त्रों के मुताबिक जिस दिन माता सीता राजा जनक को खेत में मिली उस दिन फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि थी। इसके बाद से ही इस तिथि को माता सीता का प्राकट्य दिवस मनाया जाता हैं यह दिन भक्त बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।