Janaki jayanti 2021: समस्त तीर्थों के दर्शन जितना फल प्रदान करता है सीता अष्टमी व्रत
हिंदू धर्म पंचांग के मुताबिक फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को सीता अष्टमी या जानकी जयंती का त्योहार धूम धाम के साथ मनाया जाता हैं मान्यताओं के अनुसार इसी दिन देवी मां सीता पृथ्वी पर प्रकट हुईं थी। फाल्गुन मास के पुष्य नक्षत्र में जब राजा जनक संतान प्राप्ति की इच्छा से यज्ञ के लिए हल से भूमि तैयार कर रहे थे
माता सीता को भूमिपुत्री या भूसुता भी कहा जाता हैं राजा जनक की पुत्री होने के कारण उन्हें जानकी और जनकसुता नाम से भी जाना जाता हैं वह मिथिला की राजकुमारी थी इसलिए उनका नाम मैथिली भी पड़ा। इस दिन प्रभु श्रीराम और माता सीता की पूजा का विशेष महत्व होता हैं देवी मां सीता और भगवान श्रीराम की पूजा आरंभ करने से पहले भगवान श्री गणेश और माता अंबिका की उपासना आराधना जरूर करनी चाहिए। सीता अष्टमी का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष माना गया हैं