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Janaki jayanti 2021: माता सीता की पूजा के दौरान करें ये आरती, भक्तों को मिलेगा आशीर्वाद

 

आज यानी 6 मार्च दिन शनिवार को जानकी जयंती मनाई जा रही हैं जानकी माता सीता को कहा जाता हैं धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जानकी जयंती का पर्व मनाया जाता हैं इस दौरान माता सीता की पूजा होती हैं पूजा के दौरान माता सीता की वंदना और आरती करना जरूरी माना गया हैं ऐसा कहा जाता है कि इस दिन जो लोग व्रत करते हैं उनकी सभी कामनाएं पूरी हो जाती हैं इस दिन जानकी माता की पूजा करने से शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी आयु का आशीर्वाद मांगती हैं इस दिन व्रत से विवाहित जीवन में आने वाली परेशानियां दूर हो जाती हैं।

आपको बता दें कि जानकी जयंती के दिन मंदिरों में भगवान श्रीराम और देवी सीता की पूजा आराधना की जाती हैं मुख्य रूप से यह पर्व गुजरात, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में मनाया जाता हैं इस दिन भक्तों को पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती हैं माता सीता राजा जनक की पुत्री थी। इसलिए उन्हें जानकी भी कहा जाता हैं माता सीता की विधि विधान के साथ पूजा करने के बाद श्रृंगार का सामान अर्पित किया जाता हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं माता सीता की आरती और वंदना, तो आइए जानते हैं।यहां पढ़ें श्री जानकी आरती—

उद्भवस्थितिसंहारकारिणीं क्लेशहारिणीम्।

सर्वश्रेयस्करीं सीतां नतोअहं रामवल्लभाम्।।

श्रीजानकी जी की आरती:

आरति श्रीजनक-दुलारी की।

सीताजी रघुबर-प्यारी की।।

जगत-जननि जगकी विस्तारिणि,

नित्य सत्य साकेत विहारिणि।

परम दयामयि दीनोद्धारिणि,

मैया भक्तन-हितकारी की।।

आरति श्रीजनक-दुलारी की।

सतीशिरोमणि पति-हित-कारिणि,

पति-सेवा-हित-वन-वन-चारिणि।

पति-हित पति-वियोग-स्वीकारिणि,

त्याग-धर्म-मूरति-धारी की।।

आरति श्रीजनक-दुलारी की।।

विमल-कीर्ति सब लोकन छाई,

नाम लेत पावन मति आई।

सुमिरत कटत कष्ट दुखदायी,

शरणागत-जन-भय-हारी की।।

आरति श्रीजनक-दुलारी की।

सीताजी रघुबर-प्यारी की।।