अगर पहने हुए हैं लोहे की अंगूठी तो ध्यान रखें ये बातें, वरना शनि नहीं छोड़ेंगे पीछा
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: अधिकतर लोगों को आपने लोहे की अंगूठी पहने देखा होगा। लोहे की अंगूठी शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती के प्रकोप से बचने के लिए पहना जाता है साथ ही इस अंगूठी को राहु और केतु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए भी धारण करते हैं
मगर हर किसी को लोहे की अंगूठी फायदेमंद साबित नहीं होती हैं कुछ लोगों को लोहे की अंगूठी लाभ की जगह पर नुकसान भी पहुंचा सकती हैं ऐसा ज्योतिष के जानकारों का मानना हैं तो आज हम आपको बता रहे हैं कि लोहे की अंगूठी किन परिस्थितियों में नहीं धारण करना चाहिए तो आइए जानते हैं।
राहु केतु और शनि के बुरे प्रभाव से बचाव के लिए ज्योतिष के जानकार लोहे की अंगूठी पहनने की सलाह देते हैं लोहे की अंगूठी पुरुष को दाएं हाथ की बीच वाली उंगली में धारण करना चाहिए क्योंकि शनि का क्षेत्र मध्यमा उंगली के नीचे होता हैं विशेष परिस्थिति में इसे बाएं हाथ की मध्यमा उंगली में भी धारण किया जा सकता हैं इसके अलावा लोहे की अंगूठी हमेशा शनिवार की शाम धारण करना शुभ होता हैं रोहिणी, पुष्य, अनुराधा और उत्तरा भाद्रपद नक्षत्रों में भी लोहे की अंगूठी धारण करना शुभ माना गया हैं।
अगर कुंडली में शनि स्थिति में हैं साथ ही बुध, शुक्र और सूर्य एक साथ हो तो ऐसे में लोहे की अंगूठी पहनना नुकसानदेह साबित होता है ऐसे केवल चांदी की छल्ला धारण करना शुभ होता हैं अगर कुंडली में राहु और बुध मजबूत स्थिति में हो तो लोहे की अंगूठी पहनना शुभ होता हैं। अगर कुंडली में 12वें भाव में बुध और राहु एक साथ या अलग अलग होकर नीच का है तो ऐसे में अंगूठी की जगह लोहे का कड़ा हाथ में पहनना चाहिए कुंडली का 12वां भाव राहु का होता हैं ऐसे में राहु के शुभ परिणाम के लिए लोहे की अंगूठी को धारण किया जा सकता हैं।