अगर आप भी हरियाली तीज पर बेटी के घर भेज रहे हैं सिंजारा तो भूलकर भी न ना भेजे ये चीजें, वरना टूट जाएगा रिश्ता
हरियाली तीज से एक दिन पहले बेटी के घर सिंजारा भेजने की परंपरा है। इस साल हरियाली तीज 27 जुलाई को है। अगर आप अपनी बेटी के लिए सिंजारा भेज रही हैं, तो जान लें कि उसमें क्या रखें और क्या नहीं।
सावन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाने वाला सिंधारा दूज और हरियाली तीज का गहरा संबंध है। सिंजारा में बेटी की माँ की ओर से बेटी के लिए नेग भेजा जाता है।
सिंजारा में, सास और बेटी के परिवार को शादी का सामान और मिठाइयाँ भेजी जाती हैं। हरियाली तीज पर सिंजारा
हरी चूड़ियाँ, नथ, बिंदी, कमरबंद, पायल, बाजूबंद, कपड़े, बिछिया, झुमके, अंगूठी, कंघी, काजल, मेहंदी, सोने के आभूषण, मांग टीका, काजल, सिंदूर, गजरा, मावे की बर्फी, घेवर, रसगुल्ला आदि।
हरियाली तीज पर सिंजारा में काले या सफेद रंग के कपड़े न रखें। काला रंग रिश्तों में नकारात्मकता लाता है। ऐसी मान्यता है। हमेशा कांच की चूड़ियाँ भेजें। धातु की चूड़ियाँ नहीं भेजनी चाहिए। साथ ही, नुकीली वस्तुएँ उपहार में न भेजें। नया सामान भेजें, किसी और का सामान न भेजें।
हरियाली तीज पर सिंजारे में काले या सफेद रंग के कपड़े न रखें। काला रंग रिश्तों में नकारात्मकता लाता है। ऐसी मान्यता है। हमेशा कांच की चूड़ियाँ भेजें। धातु की चूड़ियाँ नहीं भेजनी चाहिए। साथ ही, नुकीली वस्तुएँ उपहार में न भेजें। नया सामान भेजें, किसी और का सामान न भेजें।
राजस्थान में सिंजारा उत्सव मनाया जाता है, जिसमें सिंजारा आने के बाद महिलाएँ हाथों में मेहँदी लगाती हैं और पकवान खाती हैं और उसके बाद ही व्रत शुरू करती हैं।