जानें, क्या है सूर्य का पहला राजयोग, कैसे मिलेगा फल?
ज्योतिषशास्त्र में सूर्य को मनुष्य की आत्मा के रूप में माना गया हैं। इसके सही होने से जीवन बहुत ही खुशहाली हो जाता हैं। किन्तु सूर्य के खराब होने से सारा जीवन अस्त—व्यस्त होने लगता हैं।
आपको बता दें,कि सूर्य का पहला राजयोग वेशि होता हैं। वही कुंडली में अगर सूर्य के अगले घर में किसी ग्रह के स्थित होने से वेशि योग बन जाता हैं। मगर ये ग्रह चन्द्रमा, राहु या फिर केतु नहीं होने चाहिए।
जानिए वेशि योग का प्रभाव और सावधानियों के बारे में—
इस योग के होन से इंसान का अच्छा वक्त और धनवान हो जाता हैं। वही ऐसे व्यक्ति का शुरुआती समय बहुत ही कठिनाईयों के साथ बीतता हैं। वही आगे जाकर ये लोग बहुत ही धन दौलत और यश प्राप्त करते हैं।
जानिए सूर्य के दूसरा राजयोग के बारे में—
सूर्य के पिछले घर में किसी ग्रह के होने पर वाशि योग बना रहता हैं। मगर यह ग्रह चन्द्र, राहु या फिर केतु नहीं होने चाहिए। क्योंकि सूर्य को भी पापक्रान्त नहीं होना चाहिए। आपको बता दें कि तभी जाकर ये योग शुभ फल प्रदान करते हैं।
वही सूर्य के पहले और पिछले, दोनो ही भाव में ग्रह हो तो उभयचारी योग बनता है। मगर ये ग्रह चन्द्र, राहु या फिर केतु नहीं होने चाहिए। इसके अलावा भी सूर्य के साथ कोई पाप ग्रह नही हो तो बेहतर होता हैं।