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आज १६ अगस्त का दिन इन राशियों के लिए साबित हो सकता है खतरनाक, जानिए किसे बरतनी होगी सावधानी और रक्षा उपाय 

 

16 अगस्त 2025, शनिवार को भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन अष्टमी तिथि रात 9:34 बजे तक रहेगी, उसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। भरणी नक्षत्र सुबह 6:06 बजे तक रहेगा, उसके बाद कृत्तिका नक्षत्र प्रभावी होगा। वृद्धि योग सुबह 7:21 बजे तक रहेगा और उसके बाद ध्रुव योग रहेगा। बालव करण सुबह 10:41 बजे तक रहेगा, उसके बाद कौलव और तैतिल करण रात 9:34 बजे तक रहेगा। ग्रहों की स्थिति की बात करें तो चंद्रमा सुबह 11:43 बजे तक मेष राशि में रहेगा, फिर वृषभ राशि में गोचर करेगा। सूर्य और बुध कर्क राशि में, शुक्र और बृहस्पति मिथुन राशि में, केतु सिंह राशि में, राहु कुंभ राशि में, मंगल कन्या राशि में और शनि मीन राशि में वक्री अवस्था में रहेगा। आइए जानते हैं किन राशियों के लिए यह दिन ठीक नहीं रहेगा और दिन को अच्छा बनाने के लिए क्या उपाय करें।

मेष राशि
16 अगस्त 2025 को चंद्रमा दिन की शुरुआत में मेष राशि में रहेगा और सुबह 11:43 बजे के बाद वृषभ राशि में गोचर करेगा, जिससे मेष राशि के धन भाव पर प्रभाव पड़ेगा। केतु का सिंह राशि में होना पंचम भाव में मानसिक अशांति या संतान संबंधी चिंताएँ ला सकता है, जबकि शनि का वक्री प्रभाव द्वादश भाव में अनावश्यक खर्च और तनाव बढ़ा सकता है। भरणी नक्षत्र की तीव्र ऊर्जा भावनात्मक अस्थिरता पैदा कर सकती है, जिससे मेष राशि वालों को आर्थिक मामलों में सतर्क रहना होगा। परिवार में गलतफहमी या वाद-विवाद की स्थिति बन सकती है और जोखिम भरे निवेश से नुकसान हो सकता है। इस दिन मेष राशि वालों को धैर्य रखना होगा और जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचना होगा।

उपाय: जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण को माखन-मिश्री का भोग लगाएँ और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का 108 बार जाप करें।

कन्या राशि
मंगल कन्या राशि में रहेगा, जो अपनी ही राशि को ऊर्जा देता है, लेकिन अति आत्मविश्वास या क्रोध भी बढ़ा सकता है। वृषभ राशि में चंद्रमा का गोचर कन्या राशि के नवम भाव को प्रभावित करेगा, जिससे भाग्य संबंधी कार्यों में बाधाएँ आ सकती हैं। सप्तम भाव में शनि का वक्री प्रभाव वैवाहिक या साझेदारी के मामलों में तनाव ला सकता है। कृतिका नक्षत्र की तीव्र ऊर्जा निर्णय लेने में जल्दबाजी करवा सकती है, जिससे कार्यक्षेत्र में बाधाएँ और गलतफहमियाँ पैदा हो सकती हैं। कन्या राशि वालों को स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना होगा, क्योंकि तनाव शारीरिक कष्ट दे सकता है। साझेदारी में काम करने वालों को इस दिन विशेष सावधानी बरतनी होगी।

उपाय: जन्माष्टमी के दिन गाय को हरा चारा या गुड़ खिलाएँ और श्री कृष्ण की मूर्ति के सामने तुलसी के पत्ते चढ़ाएँ।

मकर राशि
मकर राशि का स्वामी शनि वक्री अवस्था में तृतीय भाव में रहेगा, जिससे भाई-बहनों के साथ संवाद और संबंधों में तनाव आ सकता है। वृषभ राशि में चंद्रमा का गोचर पंचम भाव को प्रभावित करेगा, जिससे रचनात्मक कार्यों या संतान से संबंधित चिंताएँ बढ़ सकती हैं। कुंभ राशि में राहु दूसरे भाव में वित्तीय अनिश्चितता ला सकता है। वृद्धि और ध्रुव योग स्थिरता प्रदान करते हैं, लेकिन शनि का वक्री प्रभाव दीर्घकालिक योजनाओं में बाधा उत्पन्न कर सकता है। मकर राशि वालों को आर्थिक लेन-देन में सावधानी बरतनी होगी, क्योंकि हानि की संभावना है। परिवार या मित्रों के साथ संवाद में ग़लतफ़हमी से बचना होगा।

उपाय: जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, चीनी) से स्नान कराएँ और 'ॐ क्लीं कृष्णाय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें।

कुंभ राशि
कुंभ राशि में राहु प्रथम भाव को प्रभावित करेगा, जिससे मानसिक अशांति और आत्मविश्वास की कमी हो सकती है। चंद्रमा का वृषभ राशि में गोचर चतुर्थ भाव को प्रभावित करेगा, जिससे पारिवारिक जीवन में तनाव या घरेलू मामलों में बाधाएँ आ सकती हैं। शनि का वक्री प्रभाव द्वितीय भाव में धन और वाणी से संबंधित समस्याएँ ला सकता है। कृत्तिका नक्षत्र की प्रबलता के कारण निर्णय लेने में असमंजस की स्थिति हो सकती है। कुंभ राशि वालों को मानसिक तनाव और पारिवारिक कलह से बचने के लिए इस दिन धैर्य और शांति बनाए रखनी होगी।

उपाय: जन्माष्टमी के दिन तुलसी के पौधे की पूजा करें और भगवान कृष्ण को तुलसी के पत्तों वाला दूध अर्पित करें।