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lohri 2021: बसंत के आगमन का त्योहार है लोहड़ी, इस दिन नई फसलों का भगवान को लगाया जाता है भोग

 

लोहड़ी के त्योहार को खुशियों का पर्व मनाया जाता हैं। लोहड़ी से जुड़ी कई सारी मान्यताएं हैं इसे कृषि, नववधू, बहन, बेटी और बच्चों का उत्सव माना जाता हैं। सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश करने से ठीक एक दिन पहले यह पर्व मनाया जाता हैं यह पर्व सर्दियों का मौसम जाने और बंसत ऋतु के आगमन का संकेत होता हैं। वही लोहड़ी वाली रात को सबसे ठंडा माना जाता हैं तो आज हम आपको इस पर्व के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।

लोहड़ी को पहले तिलोड़ी कहा जाता था। इस त्योहार में आग का विशेष महत्व होता हैं इस दिन आग में नई फसल की आहुतियां दी जाती हैं और ईश्वर को धन्यवाद दिया जाता है जिन घर में नई शादी विवाह हुई हो या बच्चा हुआ हो तो वहां यह पर्व विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता हैं लोहड़ी के दिन बहन और बेटियों को मायके बुलाया जाता है यह भी मान्यता है कि लोहड़ी का उत्सव संत कबीर की पत्नी लोई की याद में मनाया जाता है यह भी कहते है कि इस दिन सुंदरी और मुंदरी नामक लड़कियों की शादी दुल्ला भट्टी नामक डाकू ने अच्छे लड़कों से कराई थी। मान्यता के मुताबिक माता सती के त्याग के रूप में भी यह मनाया जाता हैं।

इस दिन तिल गुड़ खाने और बांटने का भी महत्व होता हैं पंजाब के कई इलाकों में इसे लोही या लोई भी कहा जाता हैं इस पर्व पर रेवड़ी, गजक, मूंगफली का प्रसाद बांटा जाता हैं नई फसल का भोग भगवान को अर्पित किया जाता हैं पूरे साल अच्छी फसल, धन और संपन्नता की प्रार्थना की जाती हैं।