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गणेश चतुर्थी 2025: आज इस दिशा में करें मूर्ति स्थापना, इन जगहों पर भूलकर भी न करें पूजा

 

गणेश उत्सव आज से शुरू हो रहा है। इस वर्ष यह उत्सव 27 अगस्त गणेश चतुर्थी से 6 सितंबर अनंत चतुर्दशी तक मनाया जाएगा। गणेश चतुर्थी के दिन घरों और मंदिरों में भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्तियाँ स्थापित की जाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस 10 दिवसीय उत्सव में मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा की पूजा करना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। आइए जानते हैं गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त और स्थापना की सही विधि क्या है।

भगवान गणेश की स्थापना और पूजा का समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 अगस्त 2025 दोपहर 1:53 बजे से 27 अगस्त 2025 दोपहर 3:43 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के आधार पर गणेश चतुर्थी उत्सव 27 अगस्त यानी आज मनाया जाएगा। इस बीच, गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त 27 अगस्त को सुबह 11:01 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक रहेगा। इसके बाद दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 01:39 बजे से शाम 06:05 बजे तक रहेगा। गणपति पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक है।

गणेश पूजा विधि

सबसे पहले घर के पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ़ करें और उसे फूलों, रंगोली और सजावटी वस्तुओं से सजाएँ। शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की मूर्ति को एक वेदी (चौकी) पर स्थापित करें। वेदी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएँ। पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल, चावल और फूल लेकर व्रत का संकल्प लें। भगवान की मूर्ति को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी) से स्नान कराएँ। इसके बाद उन्हें नए वस्त्र, फूल और आभूषण पहनाएँ। गणेश जी को उनके प्रिय भोग मोदक और लड्डू का भोग लगाएँ। साथ ही दूर्वा, लाल पुष्प और पापड़ भी अर्पित करें।

गणेश चतुर्थी 2025 पूजा विधि

सुबह स्नान करके पूजा स्थल को साफ करें। शुभ मुहूर्त में ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में एक चौकी स्थापित करें। चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएँ और गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें। मूर्ति शुद्ध सामग्री जैसे पीतल, कांसा, लकड़ी या पत्थर से बनी होनी चाहिए। भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें। प्रतिदिन भगवान गणेश की पूजा करते रहें। अंतिम दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ गणपति विसर्जन करें।