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Durga visarjan 2020: क्यों किया जाता हैं दुर्गा मूर्ति विसर्जन, जानिए महत्व

 

हिंदू धर्म में दुर्गा पूजा को विशेष महत्व दिया गया हैं वही दुर्गा पूजा का समापन दुर्गा विसर्जन के साथ होता हैं पंचांग के मुताबिक शारदीय नवरात्रि में दुर्गा विसर्जन आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन किया जाता हैं और इस साल दुर्गा विसर्जन 26 अक्टूबर यानी की आज किया जा रहा हैं दुर्गा विसर्जन नवरात्रि में नौ दिनों की पूजा के बाद दशमी तिथि को मां दुर्गा की प्रतिमा के साथ अन्य देवी देवताओं की प्रतिमा को जल में विसर्जित किया जाता हैं तो आज हम आपको दुर्गा विसर्जन के महत्व और पूजन के बारे में जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।

हिंदू धर्म में हर देवी देवता की पूजा के बाद उनकी प्रतिमा को जल में विसजित किया जाता हैं इसके पीछे कुछ ऐसी मान्यताएं हैं जिसके कारण सदियों से ऐसा होता आ रहा हैं जल पंचतत्वों में से एक माना गया हैं जो परम पवित्र होता हैं किसी भी पूजा में जल हाथ में लेकर ही शुद्धि मंत्र पढ़ा जाता हैं इसे अपने शरीर और पूजन सामग्री पर छिड़का जाता हैं। पवित्रता के कारण देवी देवताओं को जल में विसर्जित किया जाता हैं। शास्त्र अनुसार जल को ब्रह्मा का रूप माना गया हैं सृष्टि के आरंभ में और अंत में संपूर्ण सृष्टि में केवल जल ही जल होता हैं जल आरंभ, मध्य और अंत भी हैं इसलिए जल में त्रिदेवों का वास माना गया हैं इसलिए देव कार्य में जल का प्रयोग किया जाता हैं। जब जल में देव प्रतिमाओं को विसर्जित किया जाता हैं तो देवी देवताओं का अंश मूर्ति से निकलकर वापस अपने लोक चला जाता हैं यानी परम ब्रह्मा में लीन हो जाता हैं यही कारण है कि मूर्तियों और निर्माल को जल में विसर्जित किया जाता हैं।