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आषाढ़ अमावस्या पर इन कामों को करने से पितर होते हैं नाराज़, बढ़ता है पितृदोष 

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा ​तिथि को खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है अभी आषाढ़ का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली अमावस्या को आषाढ़ अमावस्या के नाम से जाना जा रहा है इस दिन स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप करने का विधान होता है मान्यता है कि आषाढ़ अमावस्या पर ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है

इस साल आषाढ़ अमावस्या 5 जुलाई को मनाई जाएगी। यह तिथि पितरों को समर्पित होती है इस दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध तर्पण और पिंडदान करना भी अच्छा माना जाता है इसके अलावा कुछ ऐसे भी काम है जिन्हें अमावस्या तिथि पर नहीं करना चाहिए वरना पूर्वज नाराज़ हो जाते हैं और पितृदोष भी बढ़ जाता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि अमावस्या के दिन किन कार्यों को करने से बचना चाहिए तो आइए जानते हैं। 

अमावस्या पर भूलकर भी न करें ये काम—
अमावस्या के दिन पितरों का अनादर न करें। इस दिन स्नान के बाद पितरों को जल का तर्पण जरूर दें। माना जाता है कि ऐसा करने से पितर प्रसन्न हो जाते हैं इसके अलावा गाय, कुत्ता और कौआ आदि को दिए गए भोजन से पितरों को उसका अंश प्राप्त होता है। ऐसे में अमावस्या के दिन भूलकर भी इन जीवों को कष्ट न पहुंचाए। आप जो भी भोजन बनाएं उसका एक हिस्सा इन जीवों को जरूर दें। ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न हो जाते हैं। 

अमावस्या तिथि पर भूलकर भी मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज या तामसिक चीजों का सेवन न करें। इससे नकारात्मकता बढ़ती है जो व्यक्ति की उन्नति में बाधा डालती है। अमावस्या पर ब्रह्मचर्य का पालन जरूर करें इसकी अवहेलना न करें।