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हर रविवार करें ये आसान उपाय, दुख-दरिद्रता का होगा नाश

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा आराधना को समर्पित होता है वही रविवार का दिन भगवान श्री सूर्यदेव की आराधना के लिए उत्तम माना जाता है। भक्त इस दिन प्रभु को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा करते है और व्रत आदि भी रखते है। मान्यता है कि सूर्यदेव की कृपा जिस पर हो जाती है उसे सुख समृद्धि, तरक्की और निरोगी काया का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

ऐसे में अगर आप भी जगत के पालनहार भगवान सूर्यदेव की कृपा चाहते है तो रविवार के दिन पूजा पाठ के बाद श्री सूर्याष्टकम् का संपूर्ण पाठ जरूर करें मान्यता है कि ये चमत्कारी पाठ दुख दरिद्रता का नाश करता है और जीवन में सुख की वर्षा कराता है। 

श्री सूर्याष्टकम्— 

आदि देव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर:।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तुते ॥

सप्ताश्वरथ मारुढ़ं प्रचण्डं कश्यपात्पजम्।
श्वेत पद्मधरं तं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥

लोहितं रथमारुढं सर्वलोक पितामहम्।
महापाप हरं देवं तं सूर्य प्रणमाम्यहम् ॥

त्रैगुण्यं च महाशूरं ब्रह्मा विष्णु महेश्वरं।
महापापं हरं देवं तं सूर्य प्रणमाम्यहम् ॥

वृहितं तेज: पुञ्जच वायुराकाश मेव च।
प्रभुसर्वलोकानां तं सूर्य प्रणमाम्यहम् ॥

बन्धूक पुष्प संकाशं हार कुंडल भूषितम्।
एक चक्र धरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥

तं सूर्य जगत् कर्तारं महातेज: प्रदीपनम्।
महापाप हरं देवं तं सूर्य प्रणमाम्यहम् ॥

तं सूर्य जगतां नाथं ज्ञान विज्ञान मोक्षदम्।
महापापं हरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥

सूर्याष्टकं पठेन्नित्यं गृहपीड़ा प्रणाशनम।
अपुत्रो लभते पुत्रं दरिद्रो धनवान भवेत ॥

अभिषं मधु पानं च य: करोत्तिवे‍दिने।
सप्तजन्म भवेद्रोगी जन्म-जन्म दरिद्रता ॥

स्त्री तेल मधुमां-सा नित्य स्त्यजेन्तु रवेद्रिने।
न व्या‍धि: शोक दारिद्रयं सूर्यलोकं सगच्छति ॥

॥ इति श्री शिव प्रोक्तं सूर्याष्टकं ॥