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भगवान विष्णु के इन चमत्कारी मंत्रों का करें जाप, पूरी होगी मनोकामनाएं

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: आज गुरुवार का दिन हैं और गुरुवार के स्वामी भगवान विष्णु को बताया गया हैं कहते हें कि गुरुवार का दिन श्री विष्णु को समर्पित होता हैं जिस जातक की कुंडली में गुरु दोष होता हैं या गुरु का प्रभाव होता हैं उन लोगों को गुरुवार के दिन श्री विष्णु की विधि पूर्वक पूजा और व्रत करने से जीवन की सभी समस्याएं दूर होती हैं घर में कभी धन की कमी नहीं होती हैं श्री विष्णु के साथ साथ माता लक्ष्मी भी प्रसन्न हो जाती हैं।

हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक नियमित रूप से अगर भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप किया जाए तो ये बहुत ही फलदायी होता हैं खासतौर से वैशाख, कार्तिक और श्रावण में विष्णु साधना को विशेष महत्वपूर्ण और फलदायी माना जाता हैं मान्यता हैं कि प्रतिदिन श्री हरि विष्णु के मंत्रों का जाप करने से सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती हैं और धन वैभव की प्राप्ति भी होती हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं श्री विष्णु के चमत्कारी मंत्र जिनका जाप नियमित करने से आपकी इच्छाएं पूरी हो जाएंगी, तो आइए जानते हैं।

पढ़ें भगवान विष्णु के चमत्कारी मंत्र—

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

ॐ विष्णवे नम:

ॐ हूं विष्णवे नम:
 
ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।  

लक्ष्मी विनायक मंत्र जाप—
दन्ताभये चक्र दरो दधानं,
कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया
लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।

धन वैभव और संपन्नता का मंत्र—
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि। 
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

सरल मंत्र—
ॐ अं वासुदेवाय नम:
- ॐ आं संकर्षणाय नम:
- ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
- ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
- ॐ नारायणाय नम:

विष्णु के पंचरूप मंत्र—
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए नियमित रूप से अगर इनमेंसे किसी भी मंत्र का जाप किया जाए तो जीवन के सभी कष्टों और संकटों से मुक्ति प्राप्त होती हैं धन वैभव की प्राप्ति होती हैं मगर मंत्र का जाप करते हुए एक बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि मंत्रों का उच्चारण साफ और शुद्ध होना चाहिए वरना जाप का फल नहीं मिलता हैं।