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कुंडली का भकूट दोष शादीशुदा जीवन को कर देता है तबाह, बचने के लिए करें ये रामबाण उपाय

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हर किसी के जीवन में कुंडली और ग्रह नक्षत्रों का विशेष महत्व होता हैं वही भकूट दोष का प्रभाव शादी के बाद अधिक देखने को मिलता हैं वर वधु की कुंडली मिलान के दौरान भकूट दोष खासतौर पर देखा जाता है यह दोष तब बनता है जब वर वधु की कुंडली में चंद्रमा 6—8 भाव में स्थित रहे। ज्योतिष के अनुसार यह दोष बहुत ही खतरनाक होता हैं शादी के बाद यह दोष पति पत्नी दोनों के लिए कष्ट का कारण बनता हैं तो आज हम आपको कुंडली के भकूट दोष के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

कुंडली के कुछ दोष जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं इन्हीं में से एक भकूट दोष है कुंडली का भकूट दोष शादीशुदा जीवन में कई मुश्किलें पैदा करता है यह दोष शादी के बाद आर्थिक संकट पैदा करता है साझेदारी वाले कारोबार में भी धीरे धीरे धन का संकट बढ़ने लगता हैं साथ ही निवेश में कड़ी मेहनत करने के बाद भी आशाजनक लाभ नहीं मिलता है परिणाम स्वरुप ​कारोबार में नुकसान होने लगता है इसके अलावा संतान से भी कष्ट मिलता है इतना ही नहीं कई बार तो इस दोष के कारण शादीशुदा जीवन में तलाक की स्थिति उत्पन्न हो जाती हैं। 

अगर पति पत्नी दोनों की कुंडली में चंद्र राशि एक या आपस में मित्र है तो ऐसे में भकूट दोष का प्रभाव कम हो जाता है साथ ही पति पत्नी के कुंडली मिलान में ग्रहों की दशा एक जैसी हो और गण दोष या नाड़ी दोष न बने तो भकूट दोष का असर कम होता हैं।

वर वधू दोनों के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करवाना शुभ होता हैं साथ ही गाय के दान से भी भकूट दोष को शांत किया जा सकता हैं इसके अलावा गुरुवार के दिन व्रत रखना लाभकारी माना जाता है रोजाना जल में हल्दी मिलाकर केले के पेड़ में डालने से भी आपके लाभ मिलता हैं।