Basant panchami katha: बसंत पंचमी पर पढ़ें ये व्रत कथा, विद्या की देवी सरस्वती होंगी प्रसन्न
हिंदू धर्म में बसंत पंचमी के पर्व को बहुत ही खास माना जाता हैं इस बार यह पर्व 16 फरवरी दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। यह त्योहार हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को पड़ता हैं
जानिए पौराणिक कथा—
पौराणिक कथा के मुताबिक जब ब्रह्मा जी ने संसार बनाया तो उन्हें किसी चीज की कमी महसूस हुई तब उन्होंने अपने कमंडल से जल निकालकर छिड़का। जिससे सुंदर स्त्री के रूप में एक देवी प्रकट हुई। उनके एक हाथ में वीणा, दूसरे में पुस्तक, तीसरे में माला और चौथा हाथ वर मुद्रा में था। प्रकट हुई सुंदर स्त्री मां सरस्वती ही थी। बसंत पंचमी के दिन ही माता सरस्वती प्रकट हुई थी। तब से ही मां सरस्वती की पूजा आराधना की जाती हैं।
आपको बता दें कि बसंत पंचमी के दिन किसी को अपशब्द नहीं बोलना चाहिए। इस दिन किसी के साथ विवाद न करें। बसंत पंचमी के दिन मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन पितृ तर्पण किया जा सकता हैं। इस दिन शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए। बसंत पंचमी के दिन स्नान के बाद ही भोजन ग्रहण करना चाहिए। इस पवित्र पर्व के दिन पीले वस्त्र धारण करना चाहिए। इस दिन पेड़ पौधों को काटना नहीं चाहिए। वस्त्र, भोजन का दान करना अच्छा होता हैं।