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Amalaki ekadashi vrat 2021: कब है आंवला एकादशी, जानिए व्रत नियम और मुहूर्त

 

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को विशेष महत्व दिया जाता हैं यह तिथि भगवान श्री हरि विष्णु की प्रिय तिथियों में से एक मानी जाती हैं फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की आने वाली एकादशी को आमलकी एकादशी कहा जाता है इसे आंवला एकादशी भी कहते हैं हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक भगवान श्री हरि विष्णु ने सृष्टि की रचना के लिए ब्रह्मा जी को जन्म दिया, उसी समय उन्होंने आंवले के पेड़ को जन्म दिया। ऐसा कहा जाता हैं कि भगवान श्री विष्णु ने आंवले के पेड़ को आदि वृक्ष के रूप में प्रतिष्ठित किया। जिसके हर भाग में ईश्वर का स्थान होता हैं इस साल आमलकी एकादशी का व्रत 25 मार्च को रखा जाएगा तो आज हम आपको आंवला एकादशी व्रत का नियम और मुहूर्त बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।

जानिए आमलकी एकादशी का मुहूर्त—
एकादशी तिथि आरंभ— 24 मार्च 2021, बुधवार सुबह 10 32 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त— 25 मार्च 2021, गुरुवार सुबह 9 बजकर 47 मिनट पर
पारणा मुहूर्त— 26 मार्च 2021, शुक्रवार सुबह 6 बजकर 53 मिनट से 8 बजकर 12 मिनट तक।
पारणा अवधि— 2 घंटे 27 मिनट

जानिए आमलकी एकादशी व्रत नियम और विधि—
आमलकी एकादशी व्रत के पहले दिन व्रती को दशमी की रात्रि में एकादशी व्रत के साथ भगवान श्री विष्णु का ध्यान करते हुए सोना चाहिए। आमलकी एकादशी के दिन सुबह स्नान करके श्री विष्णु की प्रतिमा के समक्ष हाथ में तिल, कुश, मुद्रा और जल लेकर संकल्प करें कि मैं भगवान श्री विष्णु की प्रसन्नता और मोक्ष की कामना से आमलकी एकादशी का व्रत रखता हूं। मेरा यह व्रत सफलतापूर्वक पूरा हो इसके लिए श्रीहरि मुझे अपनी शरण में रखें। इसके बाद मंत्र से संकल्प लेने के बाद षोड्षोपचार सहित भगवान की पूजा करें। पूजा के बाद पूजन सामग्री लेकर आंवले के पेड़ की पूजा करें और भगवान ​विष्णु से अपनी इच्छाएं कहें।