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Abhijit nakashtra: आज से लग रहा अभिजित नक्षत्र, भगवान राम और श्रीकृष्ण ने लिया था इसी नक्षत्र में जन्म

 

हिंदू धर्म और ज्योतिषशास्त्र में ग्रह नक्षत्रों को विशेष माना जाता हैं वही 19 जनवरी से 23 फरवरी तक प्रतिवर्ष सूर्य अभिजित में रहते हैं इन दिनों प्रकृति उर्जा से भरी रहती हैं। चहुंओर हर्ष और आनंद रहता हैं इस बार खास संयोग यह भी है कि इसके साथ शनि ग्रह भी अभिजीत नक्षत्र में विद्यमान बने हुए हैं अभिजीत नक्षत्र की स्थिति प्रतिदिन दोपहर 12 बजे के आसपास 2 घटी यानी 48 मिनट का होता हैं सामान्यता यह अत्यंत शुभ मुहूर्त माना जाता हैं अबूझ मुहूर्त की तरह व्यवहार में लाया जाता हैं वही महत्वपूर्ण पूजा आयोजन और कार्यारंभ भी इसमें किया जा सकता हैं तो आज हम आपको इसी के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।

वही ज्योतिष की माने तो चंद्र गणना के अनुसार 27 नक्षत्र होते हैं अभिजित 28वां नक्षत्र हैं चंद्रमा की गणना में सभी नक्षत्र 13 अंश 20 कला के होते हैं वही अभिजित लगभग 4 अंश का होता हैं। इसके बावजूद यह अत्यंत श्रेष्ठ और महत्वपूर्ण नक्षत्र माना जाता हैं भगवान श्रीराम का जन्म दोपहर में अभिजित में हुआ। भगवान वासुदेव श्रीकृष्ण का जन्म भी मध्य रात्रि को अभिजित नक्षत्र में हुआ। यह सूर्य का नक्षत्र माना जाता हैं सूर्य इसी ओर 70 हजार किलोमीटर की गति से आगे बढ़ रहा है वह वर्तुलाकार गति में 4 अंश विचलन दिखाता हैं।

अभिजित मुहूर्त का महत्व इसी बात से लगाया जा सकता है कि अंतरिक्ष विज्ञान के मुताबिक सूर्य आगे बढ़ते हुए एक दिन इसी में समा जाने वाला हैं अभिजित नक्षत्र की उपस्थिति उत्तराषाढ़ा और श्रवण के मध्य मौजूद रहती हैं वही दोपहर में सामान्य 12 बजे के 24 मिनट आगे और पीछे इसका मुहूर्त बनता हैं।