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पौष के महीने में करें भगवान सूर्यदेव की पूजा, मिलेगा ​मान सम्मान

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में वैसे तो सभी महीनो को महत्व होता है लेकिन पौष का महीना अत्यंत ही शुभ माना जाता है पंचांग के अनुसार ये साल का दसवां महीना होता है जिसे पौष के नाम से जाना जाता है मार्गाशीर्ष मास की पूर्णिमा के बाद पौष मास का आरंभ हो जाएगा। मार्गशीर्ष पूर्णिमा 8 दिसंबर को पड़ रही है और 9 दिसंबर से पौष महीने की शुरुआत हे जाएगी।

धार्मिक तौर पर हर माह किसी न किसी देवी देवता को समर्पित होता है वही मार्गशीर्ष मास श्रीकृष्ण की साधना के लिए उत्तम माना जाता है तो वही पौष मास सूर्यदेव की पूजा को समर्पित किया गया है इस पवित्र मास में भगवान सूर्यदेव की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा इसी पवित्र महीने के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

धार्मिक पंचांग के अनुसार पौष मास 9 दिसंबर से आरंभ होकर 7 जनवरी 2023 को समाप्त हो जाएगा। विक्रम सांवत के अनुसार पौष मास दसवां महीना होता है हिंदू धर्म में महीनों के नाम चंद्र नक्षत्र के आधार पर रखे जाते हैं पौष मास पूर्णिमा को चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में होता है इसलिए इसे पौष का महीना कहा जाता है। हर ​महीना किसी न किसी देवी देवता को समर्पित है वही पौष मास भगवान सूर्यदेव की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है ज्योतिष अनुसार इस महीने में सूर्यदेव की पूजा भग नाम से की जाती है

इस महीने को पितरों से मुक्ति दिलाने वाला भी माना जाता है शास्त्र अनुसार यह महीना मिनी पितृपक्ष होता है इस महीने में सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं और ऐसे में सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है इस राशि में प्रवेश करने से पिंडदान का अधिक महत्व बढ़ जाता है मान्यता है कि जो भी इस महीने में अपने पूर्वजों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करता है उसे पितरों का आशीर्वाद मिल है पितरों को सीधे बैकुंठ की प्राप्ति होती है।